सीवान: जिले में छठे चरण की शिक्षक बहाली के दौरान चयनित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है । पहले चक्र जांच में 36 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे । ये शिक्षक केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा के फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे शिक्षक पद पर चयनित हुए हैं । दूसरे चक्र की जांच अभी चल रही है । जिन चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं उन पर विभागीय निर्देश के अनुसार एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है ।
इस संदर्भ में डीपीओ स्थापना राजेंद्र सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं , उन पर नियोजन इकाई संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएगी । अन्य प्रमाणपत्रों की भी जांच चल रही है । प्रथम चक्र के दौरान 12 शिक्षकों की बहाली में नियोजन इकाइयों द्वारा गड़बड़ी की गयी थी । यह नियोजन इकाई आंदर प्रखंड की है । इसलिए नियोजन इकाई पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी एफआईआर दर्ज कराएंगे ।
उल्लेखनीय है कि फर्जी प्रमाणपत्र पाए जाने पर अभ्यर्थियों में बढ़ी बेचैनी फर्जी प्रमाणपत्र पाए जाने के बाद ऐसे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच काफी बेचैनी बढ़ गई है । कारण कि वे किसी तरह फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बनने के लिए चयनित हो गए लेकिन स्कूलों में योगदान से पहले ही उनकी प्रमाण पत्र जांच करा ली गई और प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया । इस वजह से बिना शिक्षक पद पर योगदान की यही अब उन्हें कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा। नियोजन के दौरान सक्रिय शिक्षा माफियाओं के बीच भी खलबली मच गई है ।