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जीवन की सच्चाइयों की अभिव्यक्ति है काव्य संग्रह ‘हथेलियों पर हस्ताक्षर’

सिवान(DNMS): पिछले दिनों सीवान में आयोजित एक साहित्यिक गोष्ठी ने जहाँ शहर लोगों के व्यस्ततम जीवन को झंकझोरते हुए एक सुखद अनुभूति का अहसास कराया वही साहित्यिक धारा में महिला सशक्तिकरण का जबरदस्त हस्ताक्षर भी दर्ज करने का कार्य किया. हम चर्चा कर रहें है सीवान में सरस्वती साहित्य संगम के द्वारा आयोजित काव्यत्री आभा दूबे की काव्य संग्रह ‘हथेलियों पर हस्ताक्षर’ विमोचन के लिए आयोजित संगोष्ठी का.

गौरतलब हो कि पिछले दिनों आभा दूबे की काव्य संग्रह ‘हथेलियों पर हस्ताक्षर’ के विमोचन के लिए डां. त्रिपाठी सियारमन के अध्यक्षता में एक संगोष्ठी आयोजित की गयी. उक्त गोष्ठी को संबोधित करते हुए आकाशवाणी पटना से पधारे ऋषिकेश सुलभ ने कहां कि काव्यत्री आभा दूबे ने अपने आसपास की घटनाओं व जीवन की सचाईओं एक कविता के रूप प्रस्तुत किया है. जिसे हम कह सकते है कि आभा की कविताएँ जीवन की सचाईओं की अभिव्यक्ति का दूसरा नाम है. उन्होंने कहां कि आने वाले दिनों में साहित्यिक आलोचक आभा के इन कविताओं को साहित्य जगत में महिला सशक्तिकरण के रूप निश्चित रूप रेखांकित करेंगे.

संगोष्ठी में पप्पू दूबे की टीम ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया वही प्रसिद्ध बासूरी वादक मुरारी सिंह ने अपनी बासूरी के तान पर सबको झुमने पर बाध्य कर दिया. संगोष्ठी का संचालन रामजी सिंह ने किया वही संगोष्ठी काव्य संग्रह व काव्यत्री का परिचय पत्रकार डॉ. विजय पाण्डेय ने कराया.

संगोष्ठी को डॉ. वाचस्पति शर्मा त्रिपाठी, अधिवक्ता रामदयाल तिवारी, डाक्टर रामचंद्र सिंह, ब्रजनंदन यादव, मनोज पाठक ने संबोधित किया वही इस मौके पर अधिवक्ता सुभाष्कर पाण्डेय, प्रो.रामानंद पाण्डेय, कवि परमहंस मिश्र प्रचंड, डॉ. अखिलेश्वर त्रिपाठी, प्रो.वी.के. तिवारी, राघेश्याम पाठक, कैलाश दूबे, नागेन्द्र दूबे, हरेन्द्र दूबे सहित दर्जनों की संख्या शहर के प्रबुद्ध जन उपस्थित थे.

 

{साभार: DNMS, सिवान}

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