हमारी संस्कृति में नवसवंत्सर की शुरूआत की तिथि को ही हुई थी सृष्टि रचना: डॉ. रविन्द्र पाठक

हमारी संस्कृति में नवसवंत्सर की शुरूआत की तिथि को ही हुई थी सृष्टि रचना: डॉ. रविन्द्र पाठक

सीवान: भारतीय संस्कृति में नवसवंत्सर की शुरूआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है. गुलामी के दिनों में अंग्रेजी कैलेंडर के प्रभाव में आ जाने के कारण भारत की संस्कृति व प्रकृति के अनुकूल मनाये जाने वाला भारतीय नवसवंत्सर अब गुमनाम होता चल रहा है. यें बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर बिहार प्रांत के सम्पर्क प्रमुख डॉ रविन्द्र पाठक ने रविवार को नवसवंत्सर स्वागत समिति, सीवान के तत्वावधान में शहर के मखदुम सराय स्थित महावीरी सरस्वती शिशु मंदिर के सभागार में नवसवंत्सर विक्रम संवत् की वैज्ञानिकता व प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहीं.

उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति मे जिस दिन से सृष्टि का शुभारंभ हुआ, उसी दिन से हमारा नवसवंत्सर शुरू होता है.
डॉ पाठक ने कहा कि आज भी जनमानस से जुङी हुई सभी आयोजन व मांगलिक कार्य विक्रम संवत् के अनुसार ही होते है. बस आवश्यकता है कि हम एक बार मानसिक गुलामी से अपनो को मुक्त कर के अपनी संस्कृति विरासत को अंगीकार करते हुए वैज्ञानिक सिद्धान्तों पर आधारित अपनी कालगणना को स्वीकार करते हुए अपने दैनिक जीवन में भी अंग्रेजी कैलेंडर के स्थान पर भारतीय संस्कृति के अनुरूप अपने विक्रम संवत् की कैलेंडर को अपना लें. वहीं संगोष्ठी में विषय प्रवेश कराते हुये वरिष्ठ पत्रकार डाक्टर अशोक प्रियंबद ने कहा कि हमारी संस्कृति में जिस समय हमारा सवंत्सर बदलता है उस वक्त समाज में ही नहीं बल्कि प्रकृति में परिवर्तन दृष्टिगोचर होने लगता है. हमें हजारों वर्षों की मानसिक गुलामी को छोड़ कर के वैज्ञानिक व व्यवहारिक दृष्टि से परिपूर्ण विक्रम संवत् को अपने दैनिक जीवन में नवसवंत्सर के स्वीकार करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि समाज परिवर्तन की चल पङा है बस आवश्यकता है कि हम इस परिवर्तन की शुरूआत अपने घरों से प्रारम्भ करें.
संगोष्ठी को डाक्टर रामचन्द्र सिंह, डॉ राकेश तिवारी व लोजपा के जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया.

संगोष्ठी का संचालन नवसवंत्सर स्वागत समिति के सह संयोजक नवीन सिंह परमार ने करते हुए नवसवंत्सर विक्रम संवत् को जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाए, इस विषय पर समिति की योजनाओं के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला.

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें