पटना: बिहार में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को 2010 के प्रारूप के साथ ही लागू करने को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के साथ बिहार एनडीए शासित राज्यों में पहला और देश में दूसरा राज्य हो गया है. एनआरसी के विरोध में बिहार से पहले सिर्फ राजस्थान सरकार ने प्रस्ताव पारित किया है. हालांकि, सीएए के खिलाफ केरल, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रस्ताव पारित किया है.
मालूम हो कि सबसे पहले भाकपा शासित केरल विधानसभा ने 31 दिसंबर, 2019 को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद, कांग्रेस की सरकार वाली पुडुचेरी विधानसभा में दो सप्ताह पूर्व 12 फरवरी, 2020 को प्रस्ताव पारित किया था. ऐसा करनेवाला पुडुचेरी पहला केंद्रशासित राज्य बना था. कांग्रेस शासित पंजाब विधानसभा ने 17 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लाये गये प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया था. फिर, कांग्रेस शासित राजस्थान विधानसभा ने 25 जनवरी, 2020 को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. उसके बाद तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 27 जनवरी, 2020 को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था.