बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में रोजगार का मुद्दा छाया रहा था. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी तो हर कैबिनेट बैठक में बिहार में नौकरी को लेकर बात हुई. अब सोमवार को विधानमंडल में पेश किये गये बजट में 20 लाख लोगों को रोजगार देने की बात वित्त मंत्री ने की. बिहार बजट में स्वास्थ्य विभाग में नयी नियुक्तियों और नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के निर्माण पर जोर दिया गया है.
वित्त मंत्री सह उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने बजट भाषण में बताया कि सेवाओं में सुधार के लिए राज्य में कुल 2798 पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जायेगी. इसमें दवाओं के भंडारण और वितरण के लिए 1539 फार्मासिस्टों, हृदय रोगियों की जांच के लिए 163 इसीजी तकनीशियन और ऑपरेशन थिएटरों में चिकित्सकों को सहयोग के लिए 1096 ओटी असिस्टेंटों की नियुक्ति की जायेगी.
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 21.28 फीसदी की वृद्धि की गयी है. बिहार में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए नयी बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज की स्थापना करायी जायेगी. विधानमंडल में वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग का वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्कीम मद में 6927 करोड़ और स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में कुल 6337.87 करोड़ कुल 13264.87 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिन योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाना है, उसमें पीएमसीएच को तीन फेज में विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने की योजना के लिए 5540.07 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पीएमसीएच इमरजेंसी में अतिरिक्त 100 बेड और 12 बेड के आइसीयू भवन की व्यवस्था की गयी है.