पटना: बिहार में बिना ब्लेंडिंग इकाई के स्थापित राइस मिलों का निबंधन रद्द कर दिया जाएगा। बिहार सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत आठ करोड़ 72 लाख लाभार्थियों को सामान्य चावल के स्थान पर अब पोषणयुक्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसको लेकर पहले सभी निबंधित 1295 चावल मिलों के लिए मार्च तक ब्लेंडिंग इकाई लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, इस मामले को लेकर सरकार अब सख्ती दिखाएगी। इसके लिए सभी डीएम से तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। सरकार ने मार्च तक उसना और अरवा चावल मिलों में ब्लेंडिंग यूनिट लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसको लेकर चावल मिल मालिकों को आगाह कर दिया गया है। बिना ब्लेंडिंग इकाई के स्थापित राइस मिलों के निबंधन को रद्द कर दिया जाएगा।
सरकार के खाद्य सचिव विनय कुमार ने बताया कि प्रदेश की करीब 56 हजार जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से लाभुकों को फोर्टिफाइड चावल देने का फैसला लिया गया है। अभी जन वितरण प्रणाली की दुकानों से लाभार्थी परिवार को सामान्य चावल की आपूर्ति होती है, अब ऐसे परिवारों, जिनके पास राशन कार्ड है उन्हें फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की जाएगी। वित्तीय वर्ष 2022-23 से अरवल, जहानाबाद, मुंगेर, सहरसा और लखीसराय जिले को छोड़ कर शेष बिहार के 33 जिलों में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि अन्य पांच जिलों में वर्ष 2023-24 से लाभुकों के बीच फोर्टिफाइड चावल वितरण किया जाएगा।
लाभुकों के बीच गुणवत्तायुक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार उपाय करने जा रही है। चावल मिलों से प्राप्त फोर्टिफाइड चावल की गुणवत्ता की जांच मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में करायी जाएगी। जिसके लिए खुली निविदा प्रक्रिया से प्रयोगशाला का चयन किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले में स्थापित चावल मिलों में ब्लेंडिंग यूनिट की स्थापना कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी जिलों के डीएम को तीन दिन के अंदर चावल मिलों के डिटेल उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया गया है।