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महिलाओं में शिक्षा से ही स्वच्छता को मिलेगा बढ़ावा: पद्मश्री सुधा वर्गीज

Patna: महिलाओं और युवतियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता को लेकर विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के सहयोग से दोस्ताना सफर द्वारा संयुक्त रूप से महिलाओं के बीच पैड का वितरण किया गया.

लोहानीपुर पूर्वी अंबेडकर नगर बस्ती में आयोजित इस कार्यक्रम में दोस्तानासफ़र के किन्नर साथियों के द्वारा निर्मित पुनः प्रयोग सेनेटरी पैड का वितरण निशुल्क रूप से किया गया.इस अवसर पर पद्मश्री सुधा वर्गीज, समाजसेवी मधुमंजरी, सूर्यकांत गुप्ता, अध्यापक एवं समाजसेवी देवप्रिया दत्ता, तेजतर्रार पर्यावरणविद पंकज किशोर, समाजसेवी एवं बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड की तरफ से इंजीनियर ब्रज किशोर के साथ दोस्ताना सफर के किन्नर साथी बिरहा यादव, रानी, उमंग, रेशमा प्रसाद तथा चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की इंटर्न भी मौजूद रही.

कार्यक्रम में 900 से अधिक महिलाओं और युवतियों के बीच सेनेटरी पैड का निशुल्क वितरण किया गया साथ ही साथ उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया गया.

पद्मश्री सुधा वर्गीज ने माहवारी स्वच्छता पर बताया कि किस तरीके से स्लम बस्ती की महिलाएं, दलित महिलाएं, मुसहर महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और वह इसके प्रति अनजान सी बनी रहती है. लोगों से साझा नहीं करती है जिस से उनको बहुत सारी बीमारियां शरीर में हो जाती है. उन्होंने कहा कि महिलाओं में शिक्षा आवश्यक है जो महिला शिक्षा नहीं ले पाए वह भी ले और अपने बच्चों को पढ़ाएं जिससे माहवारी स्वच्छता के बारे में उनको जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके.

वही दोस्ताना सफ़र की रेशमा प्रसाद समाजसेवी ने बताया कि रियुजेबल सेनेटरी पैड कितना लाभदायक है. महिलाओं के लिए 1 महीने में अगर डेढ़ सौ रुपए खर्च करती है तो इस अनुपात में 1 साल भर में 1800 के आसपास खर्च बैठता है, अगर पैड का उपयोग करते हैं तो अधिकतम वर्ष में 300 रुपये खर्च होंगे. अतः यह जिंदगी को बचाने में भी आवश्यक है और इससे आपके पैसे भी बचेंगे.

समाजसेवी एवं पर्यावरणविद् देवप्रिया दत्ता ने पर्यावरण के खतरे बताएं कि जिस तरीके से आज के समय में प्लास्टिक युक्त सेनेटरी पैड का उपयोग हो रहा है. यह भारी मात्रा में अपशिष्ट का भी कारण बन रहा है एवं जो इसमें प्रयुक्त प्लास्टिक होता है वह हमारे शरीर को भी नुकसान कर रहा है और हमारे पर्यावरण के लिए भी नुकसान देह है.

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