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ताड़ी पर भाजपा और लालू के दबाव में झुके नीतीश: सुशील मोदी

पटना: नीतीश कुमार सत्ता के नशे में इतने चूर हैं कि उन्हें लगता था कि उन्हें कोई झूका नहीं सकता है. परन्तु भाजपा, राम विलास पासवान, जीतन राम मांझी और लालू प्रसाद के दबाब में अन्ततः ताड़ी के प्रतिबंध के मुद्दे पर 24 घंटे के अन्दर यू-टर्न लेना पड़ा. जिस प्रकार राजद के समर्थन वापसी के डर से नीतीश कुमार ने ताड़ी पर अपना निर्णय बदल दिया क्या राजद उसी प्रकार 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के परिवार के सभी सदस्यों की गिरफ्तारी जैसे तालिबानी कानून को हटाने के लिए दबाब बनाएगी? उक्त बातें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रविवार को पटना में एक प्रेस बयान जारी कर कही.

उन्होंने कहा कि नए कानून में यदि कोई सिरफिरा लालू प्रसाद के बंगले में रात को शराब की खाली बोतल भी फेंक दे तो लालू प्रसाद को राबड़ी और दोंनो मंत्री बेटों सहित जेल जाना पड़ेगा. मनोरमा देवी और विनय वर्मा जैसे जनप्रतिनिधियों को जमानत तो दूर जिन्दगी भर जेल में सड़ना पड़ेगा. क्या पति के जुर्म में पत्नी और बूढ़े माँ-बाप सहित घर के सभी वयस्कों को सजा क्या बिहार को आदिम युग में ले जाने के समान नहीं है?

उन्होंने कहा कि बलात्कार और डकैती के अपराध में कुछ वर्षो की सजा है परन्तु शराब की बोतल मिलने पर मकान जब्ती के साथ-साथ आजीवन कारावास की सजा है. शराब को अनैतिक व्यापार बताकर दूसरे राज्यों में घूम-घूम कर शराबबंदी का प्रचार करने वाले मुख्यमंत्री के अपने राज्य में शराब का निर्माण नए कानून के अन्तर्गत यथावत चलता रहेगा?

भाजपा नेता ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से अपील है कि वे 18 साल से अधिक उम्र के परिवार के सभी व्यस्कों की गिरफ़्तारी जैसे तालिबानी कानून को निरस्त करवाने में हस्तक्षेप करें नहीं तो कितनी मनोरमा देवी को जेल भुगतना पड़ेगा?

साभार: श्रीनारद मीडिया, सीवान

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