पंचायत प्रतिनिधियों को स्वंय बैठक में लेना होगा हिस्सा: सम्राट चौधरी

पंचायत प्रतिनिधियों को स्वंय बैठक में लेना होगा हिस्सा: सम्राट चौधरी

पटना: बिहार सरकार में भाजपा कोटे से पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने आज स्पष्ट कर दिया कि निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों अपने स्थान पर सभी तरह की बैठकों में भाग लेने के लिए पति या किसी दूसरे व्यक्ति को अपने स्थान पर मनोनीत नहीं कर सकेंगे।

मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को कहा कि समय-समय पर जानकारी मिलती रहती है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की बैठक में महिलाएं खुद भाग नहीं लेती हैं और अपने जनप्रतिनिधि अथवा संबंधी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करवाती हैं। विभाग अब ऐसी लापरवाही कतई स्वीकार नहीं करेगा। इतना ही नहीं मंत्री का कहना है कि इस तरह छूट कभी नहीं दी जा सकती है। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि हर हाल में महिला जनप्रतिनिधि की सभी तरह की बैठकों में उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित किया जाएगा और इसके लिए सभी पदाधिकारियों को कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सरकार की तरफ से सभी जिला पदाधिकारियों जिला पंचायती राज अधिकारियों और प्रखंड के पंचायती राज पदाधिकारियों को 15 जनवरी तक नवगठित वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति की बैठक बुलाने का निर्देश जारी किया गया था। इसी बीच कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर इस पर दो दिन पहले रोक लगा दी गई थी। सम्राट चौधरी ने 21 जनवरी के बाद बैठक बुलाने का निर्देश दिया था। इस कारण अब नए सिरे से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कर्मचारियों के महिला जनप्रतिनिधि खुद की बजाय किसी पुरुष को मनोनीत करने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया गया है।

सरकार के इस आदेश के बाद 8067 ग्राम पंचायतों के अलावा 534 पंचायत समिति और 38 जिला परिषद के 2 लाख 47000 से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों को गहरा झटका लगा है। इसके साथ पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य में 01 लाख 9000 से अधिक वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के गठन की समय सीमा जो निर्धारित की गई है उसे 15 जनवरी तक बढ़ाया गया है।

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