पटना: सूबे के राजनीतिक मौसम में एकाएक भूचाल आ गया है.सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देर शाम राज्यपाल भवन जाकर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा दे दिया है.
राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अंतरआत्मा की आवाज़ सुनकर उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौप दिया है.
उन्होंने कहा कि सबो के प्रयास और सहयोग से सूबे में 20 महीने से ज्यादा समय तक मैंने सरकार को चलाया.
हमने पूरी तरह से गठबंधन धर्म का पालन किया है. विगत चुनाव में जनता से जो वादा मैंने किया उसे काफी हद तक पूरा किया.उन्होंने कहा कि सात निश्चय उनके कार्यो का महत्वपूर्ण हिस्सा है. सामाजिक परिवर्तन के कार्यो में शराबबंदी कानून लागू किया गया.उन्होंने कहा कि 20 महीनों में बिजली, पूल पुलिया, किसान और कृषि का कार्य किया.
उन्होंने कहा कि जो बाते सामने आयी है उस माहौल में काम करना मेरे लिए संभव नही है.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमने किसी का इस्तीफा नही मांगा. हमने तो सिर्फ लगे आरोप का साक्ष्य मांग था.
महागठबंधन की रक्षा को लेकर हमने पूरी कोशिश की.
हमने पूरे माहौल को देखा तब यह लगा हमने अपने अंतर आत्मा की बात सुनी और अपना इस्तीफा सौप दिया.
उन्होंने कहा कि हमारी लालू जी के साथ कोई संवादहीनता नही है.हम तो चाहते थे कि वह आरोप का उत्तर दे.उन्हें वस्तु स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए.
सरकार के नेतृत्व कर्ता होने के नाते हमने इस्तीफा दिया. मेरे स्वभाव और काम करने के तरीकों के अनुरूप यह नही है.