बेगूसराय: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा चार जनवरी से शुरू समाधान यात्रा का समापन गुरुवार को बेगूसराय में हो गया। मुख्यमंत्री ने अपने इस समाधान यात्रा को पूरी तरह से सफल बताते हुए प्रधानमंत्री बनने की बात से इंकार कर दिया है।
समाहरणालय परिसर स्थित कारगिल भवन में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में नए-नए तरीका से काम हो रहा है। लोगों के पास जाकर उनकी बात सुनते हैं तो समस्या का समाधान हो रहा है। समाधान यात्रा के दौरान जिलों में समीक्षा बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी।
बैठक में डीएम के तरफ से भी हो रहे काम की बात कही गई। इससे पता चलता है कि काम हो रहा है। हमारी यह समाधान यात्रा पूरी तरह से सफल रही। जन समस्या को सुनकर उसका समाधान किया जा रहा है, आगे भी जो जरूरी होगा वह करेंगे। बेगूसराय में विश्वविद्यालय बने यह सही मांग है, हम भी चाह रहे हैं कि यहां मेडिकल कॉलेज बन रहा है, विश्वविद्यालय भी बने।
चार जनवरी से हमने समाधान यात्रा की शुरुआत किया। उसमें हमने देखा कि जो काम कर रहे हैं वह कितना सफल है। उसी काम का प्रोसेस देखना इस यात्रा का उद्देश्य था। आवश्यक था कि हम देखें कि जो जरूरी है वह हो रहा है या नहीं, जो नहीं हो रहा है उसकी पहचान किया। सब चीज का समाधान करेंगे। विपक्ष अगर इस पर सवाल उठाते हैं तो उन से पूछिए।
हम यात्रा करते रहे हैं, 2009 से यात्रा की शुरुआत की और उससे पहले भी हमने यात्रा किया। 2019 तक जो काम किया वह हमने देखा है। उसके बाद कोरोना के कारण कुछ बाधा आई, तो जा नहीं पाते थे। अब समाधान यात्रा कर उन समस्याओं को देखा है। लोगों का अच्छा फीडबैक मिला है। यात्रा के दौरान ग्रामीणों के साथ संवाद किया, उनकी बातें खड़ी होकर सुनी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कौन क्या बोलता है, उस पर मत जाइए। लोग ऐसे ही बोलते रहता है, हम उस पर क्यों बोलें, हम काम करने वाले हैं। प्रधानमंत्री बनने की हमारी इच्छा नहीं है। लोग जब नारा लगाते हैं, सवाल उठाते हैं तो हम उन्हें रोकते भी हैं। हालांकि, आईपीएस विकास वैभव सहित कई अन्य मुद्दे को मुख्यमंत्री ने हंसते-हंसते टाल दिया।