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नीतीश कुमार को कुर्सी से है प्रेम इसीलिए चले गये जंगलराज की शरण मे: उपेन्द्र कुशवाहा

मोतिहारी: नीतीश सरकार का नौकरी देने वादा एक धोखा है।जहां शिक्षक अभ्यर्थी नौकरी की परीक्षा पास कर सड़क पर घूम रहे हैं,पुलिस की लाठियां खा रहे हो,वहां नौकरी देने की बात करना बेमानी है।उक्त बाते विरासत बचाओ नमन यात्रा के दौरान बुधवार मोतिहारी में प्रेस को संबोधित करते राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कही।

बिहार बजट पर यह कटाक्ष उपेंद्र उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है,कि बिहार के बजट में नौकरी की संख्या बढ़ायी गयी है,लेकिन बिहार में विकराल हो चुकी पलायन और बेरोजगारी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए बजट कोई प्रावधान नही है। क्या कुछ नौकरी देने से बिहार में बेरोजगारी खत्म हो जाएगी ? बिहार के लोग दुसरे राज्य में जाकर फैक्ट्रियों काम कर सकते है।वहां फैक्ट्री लगा सकते है,लेकिन बिहार में ऐसा क्यों नहीं हो रहा?

उन्होंने सरकार पर तीखा प्रहार करते कहा कि बिहार में जमीन के बदले नौकरी देने का मामला पहले भी हो चुका है,फिर से यही कार्य मौजूदा सरकार करने की सोच रही है।उन्होंने कहा कि बिहार फिर से 15 से 20 साल पहले के समय में लौटने लगी है। जिन लोगों ने पहले का हालात देखा है,वह लोग डरने और सहमने लगे हैं।पहले के समय में महिलाओं को सड़क पर चलना दूभर हो चुका था।हमने उस समय को बदलने के लिए ही नीतीश कुमार के साथ मिलकर संघर्ष किया था।

कुशवाहा ने कहा कि पहले शुरुआत में उन्होंने अच्छा काम किया मगर अंत में आकर फिर से जंगलराज की शरण में चले गये।लेकिन फिर वही जंगलराज वाली स्थिति बिहार में लागू नहीं हो इसके हम संघर्ष करने निकले है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने हमें कह दिया कि जहां जाना है जाए लेकिन हम राजद के साथ नही जा सकते।उनको कुर्सी से प्रेम आप को जाना है वहां जाइए।हम कुर्सी के लिए राजनीति नहीं करते हैं।उन्होंने कहा कि बिहार को बचाना बहुत जरूरी है,इसलिए हम राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन कर बिहार के साथियों से मिल रहे हैं।इस यात्रा के क्रम आज मुजफ्फरपुर में जुब्बा सहनी के स्मारक पर जाकर नमन करेंगे।

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