छपरा: सारण के संत परम्परा के वाहक अमनौर के लक्ष्मी सखी, मांझी के धरणी दास के साथ महेंद्र मिश्र और भिखारी ठाकुर की रचनाओं की धूम मध्यप्रदेश के देवास शहर में मची. मध्यप्रदेश सरकार के सांस्कृतिक परिषद् की ओर से भोजपुरी अकादमी भोपाल द्वारा कबीर स्मृति में आयोजित दो दिवसीय निर्गुण समारोह में शामिल देश के करीब आधा दर्जन गायकों में लोक गायक रामेश्वर गोप ने भोजपुरी लोक संगीत का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी दमदार प्रस्तुति दी. कबीर के प्रचलित भजनों के साथ सारण जिले से जुड़े संत लक्ष्मी सखी के पद लागल हिलोरवा रे अमरपुर में और धरणी दास रचित निर्गुण पिया मोरा बड़ सुन्दर रे सखिया गीत की प्रस्तुति की तो तालियों की गड़गड़ाहट से हाल गूंज उठा.
एके गो मटिया के दु-दु गो खेलावना की प्रस्तुति कर पूर्वी गीत के जनक महेन्द्र मिसिर की रचनाओं की भी गोप ने उपस्थित दर्ज कराई. ब्रह्म -जीव और माया के दर्शन को रेखांकित करते भिखारी ठाकुर की रचना कहत भिखारी मनवा करे हर घरिया हो नजरिया भर के ना गीत प्रस्तुत की तो दर्शक श्रोता बिदेशिया नाटक में भी कबीर दर्शन की झलक पा भाव विभोर हो उठे. कुमार गंधर्व की धरती देवास के मल्हार सभागार में कबीर के भजन तोहरा से राजी ना बलम जी और एह पार हमरो मडईया ओह पार सैंया बाड़े ए राम निर्गुण गीतों को ठेठ भोजपुरी लोक शैली में प्रस्तुत कर गायक गोप ने भोजपुरी की गरिमामयी लोकसंगीत का आभास कराया.
इस अवसर पर गायक गोप के साथ टीम में शामिल नालवादक द्वारका यादव, अनिल कुमार, सूरज नाथ यादव को अकादमी के निदेशक राहुल रस्तोगी,पीडी शर्मा, जितेंद्र सिंह तोमर आदि ने सम्मानित किया.