राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जयन्ती पर साहित्यकारों ने दी श्रद्धांजलि
अररिया : फारबिसगंज प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पीडब्लूडी प्रांगण में इन्द्रधनुष साहित्य परिषद की ओर से साहित्यकार मांगन मिश्र मार्तंड की अध्यक्षता में राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जयन्ती मनायी गई।कायक्रम का संचालन मनीष राज और प्रतिक तिवारी ने किया।मौके पर मौजूद साहित्यकारों द्वारा उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पण और नमन के बाद मांगन मिश्र मार्तंड, हेमंत यादव शशि, हरिनंदन मेहता, निशा पाठक, सुनील दास, रघुनंदन मंडल एवं विनोद कुमार तिवारी ने उनके जीवनी और लेखनी पर प्रकाश डाला।
उत्तरप्रदेश के झांसी में 03 अगस्त 1886 को जन्मे राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त अपनी कविता के द्वारा खड़ी बोली को काव्य-भाषा के रूप में निर्मित करने के प्रयास में सफल कवि रहे हैं।हिन्दी कविता के इतिहास में उनका यह सबसे बड़ा योगदान रहा। उनके जीवन में राष्ट्रीयता का भाव कूट-कूट कर भरे थे, जो उनकी सभी रचनाओं में दिखती है।
वक्ताओं ने बताया कि गाँधीजी ने ही उन्हें राष्ट्रकवि का गौरव प्रदान किया था। वे पद्मभूषण से सम्मानित हुए थे। उनकी कृतियों में जयद्रथ-वध, भारत-भारती, साकेत, यशोधरा, विष्णुप्रिया, अनय आदि हैं।पंचवटी काव्य पुस्तक सबसे लोकप्रिय हैं।12 दिसम्बर 1964 को उनका निधन हुआ। मौके पर मौजूद साहित्यकारों में शिवनारायण चौधरी, पलकधारी मंडल, शिवराम साह, श्यामानंद यादव, मोहन पाठक, दिनेश ठाकुर आदि थे।