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इसुआपुर में लोहार कल्याण समिति की बैठक, कहा हमारी जाति लोहार है कमार नही…

इसुआपुर में लोहार कल्याण समिति की बैठक, कहा हमारी जाति लोहार है कमार नही…

Isuapur: इसुआपुर स्थित धर्मशाला परिसर में लोहार कल्याण समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता विजय शंकर शर्मा ने की जिसमें प्रखंड इसुआपुर के लोहार जाति के लोगों के साथ साथ पानापुर, मढ़ौरा, बनियापुर, नगरा, तरैया सहित कई प्रखंडों के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.

बैठक में राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जातीय गणना पुरजोर विरोध करते हुए कहा गया है कि लोहार एक जाति है लेकिन जातीय जनगणना के तहत इस जाति के लिए कोई कोड नहीं है. लोहार जाति को कमार जाति के अंदर रखा गया है जिससे इसका अस्तित्व सरकार द्वारा समाप्त किया जा रहा है.

वही बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष द्वारिका शर्मा ने कहा कि लोहार जाति के लोगों को अपने एवं अपने आने वाली पीढ़ी के लिए एकजुट होना होगा. सरकार ने लोहार जाति का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया है, अब जाति प्रमाण पत्र में भी मूल जाति के तौर पर लोहार जाति समाहित नहीं है.

वहीं उन्होंने कहा कि संपूर्ण बिहार में अनुसूचित जनजाति के तहत आने वाले लोहार और लोहारा एक है.

बैठक में उपस्थित कई लोगों ने लोहार जाति की पूर्व की अवस्थाओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस जाति के लोग प्रारंभ से ही घुमंतू की तरह रहकर घरेलू उपकरण सहित कई अन्य सामानों का निर्माण करते थे, लेकिन समय और परिस्थिति के साथ इन्होंने अपना आशियाना स्थापित कर लिया. मूल रूप से लोहार ही लोहारा और लोहरा ही लोहार है.

उन्होंने कहा कि लोहार जाति अनुसूचित जनजाति के वर्ग में शामिल है, लेकिन सरकार ने एक सोची समझी साजिश के तहत न्यायालय का हवाला देकर इसे भी खंडित कर दिया और लोहार को मूल जाति से समाप्त कर दिया. लोहार ना तो कर्मकार है और ना ही कमार और ना ही इन दोनों जातियों से इसका कोई संबंध है, लेकिन सरकार कमार और कर्मकार की उपजाति के तौर पर अपनी कमी छुपाने के लिए लोहार जाति को इसी में समाहित कर रही है. जिसको यह समाज सहन नहीं करेगा और इसके लिए आवाज उठाई जाएगी.

उपस्थित जनसमूह ने सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ आवाज उठाने और सड़क से लेकर न्यायालय तक इसकी लड़ाई लड़ने का आह्वान किया.

वही लोहार कल्याण समिति की इसुआपुर प्रखंड इकाई का गठन किया गया. जिसमे अजीत शर्मा को अध्यक्ष, महासचिव, उपाध्यक्ष के पद पर समुदाय के लोगों को मनोनीत किया गया.

बैठक में अनूप शर्मा, दीपक शर्मा, संतोष कुमार शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, वकील शर्मा सहित कई लोगों ने अपने विचार रखते हुए जाति के लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने का आह्वान किया.

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