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फर्जी तरीके से बीएड कॉलेज चलाने पर हाई कोर्ट सख्त, 48 घंटे में करवाई रिपोर्ट देने का निर्देश

पटना: फर्जी तरीके से बीएड कॉलेज चलाने की जानकारी मिलने पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार को निर्देश दिया कि वह 48 घण्टे के अंदर इस मामले में सख्त कर्रवाई करते हुए इसकी रिपोर्ट 20 जनवरी तक कोर्ट में पेश करे.

मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खण्डपीठ ने विद्या देवी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश आज दिया. कोर्ट ने मुजफ्फरफुर स्थित बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय से भी इस मामले में जवाब तलब किया है .

खंडपीठ विश्वविद्यालय से यह जानना चाहता है कि उक्त बीएड कॉलेज को मान्यता कैसे दे दी गयी . पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट को जब यह जानकारी दी गई कि पूर्वी चंपारण के ढाका स्थित तेलहारा खुर्द गावँ के एक मिडिल स्कूल के भवन की आड़ में एक फर्जी बीएड संस्थान चलाया जा रहा है.

इस बात की जानकारी मिलने पर खंडपीठ ने अधिवक्ता इति सुमन कोइस मामले की जांच करने के लिये अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए स्थल का निरीक्षण कर कोर्ट को वस्तु स्थिति से अवगत कराने का अनुरोध किया था .

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता इति सुमन ने कोर्ट को रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि उक्त गांव में ई. उपेंद्र शर्मा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का कोई भवन नही है . यहां तक कि ग्रामीणों ने इस नाम के किसी संस्था होने के बारे में अनभिज्ञता जताई. उक्त गांव में केवल एक मिडिल स्कूल चलता है .

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस फर्जी संस्थान खोलने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. खण्डपीठ ने सरकार से उक्त प्राथमिकी के आलोक में कार्यवाही रिपोर्ट अगली सुनवाई की तिथि 20 जनवरी तक कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया .

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