कोलकाता में इस बिहारी सब्जी की बढ़ी मांग, रसगुल्ला और मछली को छोड़ हुए इनके दीवानें

कोलकाता में इस बिहारी सब्जी की बढ़ी मांग, रसगुल्ला और मछली को छोड़ हुए इनके दीवानें

मुजफ्फरपुर: कोलकाता में इन दिनों बिहार के सजहन की मांग जोरो पर है. रसगुल्ला व माछ-भात के प्रेमी कोलकाता वासी मुजफ्फरपुर की हरी सब्जी सजहन के भी दीवाने हो गए हैं. पौष्टिक तत्वों से भरपूर सहजन के फायदों को जानकर वहां के लोगों ने इसे बहुत जल्दी अपना लिया है. अपने खानपान में शामिल कर बड़े चाव से इसके बढ़िया स्वाद का लुत्फ ले रहे हैं. इसका इस्तेमाल सब्जी, सूप, सांभर व दाल के रूप कर रहे हैं.

सेहत के लिए गुणकारी सहजन

इसमें विटामिन सी पाया जाता है, सर्दी व जुकाम के लिए फायदेमंद

इसे चबाने से दांतों में कीड़े नहीं लगते व पायरिया की शिकायत दूर होती है.

इससे खून साफ होता है व आंखों की रोशनी तेज होती है.

मधुमेह के साथ-साथ पीत व कफ करता है.

इसे पीसकर लगाने पर पैर में मोच व कान दर्द दूर होता है.

 

जिले से प्रतिदिन 40-50 क्विंटल सहजन ट्रेनों के माध्यम से कोलकाता भेजी जा रही है. इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है और रेलवे को भी फायदा हो रहा है. स्थानीय सब्जी मंडियों में 20 रुपये प्रतिकिलो सहजन बिक रही है जबकि कोलकता इसकी कीमत 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो है. कांटी के किसान मो. नसीम ने ने बताया कि कांटी, मोतीपुर, सरैया, मड़वन व करजा आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर सहजन की खेती होती है.

रेलवे के उप वाणिज्य निरीक्षक धनंजय कुमार ने बताते हैं कि बाघ व मिथिला एक्सप्रेस से बड़े पैमाने पर सहजन भेजी जा रही है. सहजन भेजने वाले किसानों को रेलवे की ओर से पूरी सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. सब्जियों की ढुलाई पर ई वे बिल भी लागू नहीं है.

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