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पूरा भरोसा है कि बिहार में जातीय जनगणना पर आम राय बन जाएगी: सीएम नीतीश

पटना: सीएम नीतीश ने जनता दरबार के बाद सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जातीय जनगणना बिहार में कराई जाएगी और हम इस पर पूरी तरह से सर्वसम्मति बना लेंगे। नीतीश ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि बिहार में जातीय जनगणना पर आम राय बन जाएगी।

नीतीश कुमार ने कहा कि वह चाहते थे कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधानसभा के शिष्टमंडल ने मुलाकात की थी। केंद्र सरकार ने भरोसा भी दिया था लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है उसके बाद हम नए सिरे से इस पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे। नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर सवाल किया गया तो नीतीश कुमार ने आयोग के काम करने के तौर-तरीके पर ही सवाल खड़े कर दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि नीति आयोग के आंकलन करने का तरीका बिल्कुल विचित्र है। सभी राज्यों के लिए एक पैरामीटर पर काम नहीं किया जा सकता। जनसंख्या के लिहाज से बिहार देश में तीसरे स्थान पर है और क्षेत्रफल के पैमाने पर 12 में स्थान पर। ऐसे में अगर आप एक स्क्वायर किलोमीटर के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आकलन करते हैं तो उसका नतीजा सही नहीं आ सकता। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में 15 साल पहले क्या स्थिति थी, यह सबको मालूम है। राज्य के अंदर स्वास्थ्य सेवा ठप हो चुकी थी। अस्पतालों में जानवर पड़े रहते थे।

सीएम ने कहा कि केंद्र द्वारा कोरोना से मौत मामले में 50 हजार रुपये देने के बाद अब बिहार में कोरोना से हुए मौत मामले में पीड़ित परिवारों को पहले से ज्यादा आर्थिक मदद मिलेगी। दरअसल राज्य सरकार कोरोनावायरस के मामले में परिजनों को पहले ही चार लाख की आर्थिक मदद दे रही है। अब केंद्र सरकार ने भी 50 हजार की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। ऐसे में अगर किसी परिवार में कोरोना वायरस तो पीड़ित परिवार को 4.5 लाख की राशि मिलेगी।

जनता दरबार में पहुंचा पशु तस्करी का मामला
भारत-नेपाल सीमा पर मवेशी की तस्करी चरम पर है और इसपर नकेल कसने के लिए लगातार सीमा सुरक्षा बल की ओर से विशेष अभियान चलाया जाता है। इसी मामले को लेकर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे जानकार सीएम अंचभित हो गए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में पहुंचे सीतामढ़ी जिला परिषद के सदस्य कहा कि बेला के थानेदार ने पशु तस्करों के साथ मिलकर लगभग 2,000 गायों को मरवा दिया।

जनता दरबार में पहुंचे सीतामढ़ी जिला परिषद के सदस्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि “सीतामढ़ी जिला अंतगर्त बेला थाना के थानेदार ने 2,000 गायों को तस्करों के हाथों बेच दिया। जिन्होंने इन गायों की हत्या कर दी। मैंने पिछले तीन साल में बिहार के कई अधिकारी और पदाधिकारी से शिकायत की। लेकिन आजतक मुझे इंसाफ नहीं मिला। नेपाल से जो मवेशी तस्करी के लिए लाये जाते हैं, उन्हें एसएसबी वाले पकड़कर बेला थाना को दे देते हैं और फिर थानाध्यक्ष उन गायों को तस्करों के साथ में बेच देते हैं। जबकि एसएसबी को पकड़ी गई गायों या अन्य मवेशियों को सीतामढ़ी गौशाला में देना चाहिए। थानाध्यक्ष ने सात आदमी के साथ मिलकर दो हजार गायों को बेचा है। लेकिन शिकायत करने पर उल्टे मुझे जिला प्रशासन द्वारा ही फंसाते हैं।”

शख्स ने मुख्यमंत्री आगे कहा कि “घटना परसों की है, जनता दरबार में आने की खबर मिलते ही डीएसपी ने मुझे बुलाया और धमकाया कि सीएम के जनता दरबार में तुमको नहीं जाना है। तुम्हारा चुनाव होने वाला है। अगर तुम जाओगे, तो तुमको डिस्टर्ब करेंगे। जब मैंने बात नहीं मानी तो डीएसपी ने दो अक्टूबर के डेट में तीन लोगों पर एफआईआर कर दिया।”

सीतामढ़ी जिला परिषद के सदस्य की शिकायत सुनकर खुद मुख्यमंत्री के भी होश उड़ गए। उन्होंने दौरान बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन घुमाया और तत्काल इस मामले को देखने का आदेश दिया। सीएम ने पुलिस महानिदेशक के पास युवक को भेजते हुए कहा कि तुरंत इस मामले को देखिये।

उल्लेखनीय है कि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंध के साथ ट्रांजिट रूट से पारस्परिक व्यापार का संबंध भी है। दोनों देश के खुली सीमा पर तय रूट से व्यापार सहित लोगों की आवाजाही एक देश से दूसरे देश में होती है। निर्धारित रूट के अलावा दोनों देश के बीच भारत के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित किशनगंज, सीतामढ़ी और अररिया जिला से सटे नेपाल की खुली सीमा क्षेत्र में तस्करी का कारोबार चरम पर है।

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