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कैबिनेट में चौदह एजेंडों पर लगी मुहर,मुख्य सचिव को नहीं मिला सेवा विस्तार

पटना: बिहार कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में कुल चौदह एजेंडों पर मुहर लगी। बैठक में 89 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के उन्नयन के लिए 389 करोड़ 66 लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से वहन किए जाने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

कैबिनेट ने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण के कार्यकाल के विस्तार को मंजूरी नहीं देते हुए उनके मंगलमय भविष्य की शुभकामना दी है। मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं । इससे पहले भी उन्हें दो बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है। कैबिनेट ने निलंबित औषधि निरीक्षक अवधेश कुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। मुख्य अभियंता संजय कुमार जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें संविदा पर नियोजित कर बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का एक वर्ष के लिए मुख्य महाप्रबंधक बनाया गया है।

ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ईको-पर्यटन संभाग की स्थापना और 22 पदों के सृजन की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। बिहार लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, तकनीकी सेवा आयोग, विश्वविद्यालय सेवा आयोग समेत विभिन्न परीक्षाओं के लिए स्कूटनी कार्य करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग के कर्मचारियों की पारिश्रमिक दर 300 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका के स्थान पर तीन प्रति उत्तर पुस्तिका एवं बिहार कर्मचारी चयन आयोग एवं तकनीकी सेवा आयोग में स्क्रुटनी कार्य करने वाले कर्मचारियों के पारिश्रमिक की दर 270 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका के स्थान पर 2 रुपये 70 पैसे प्रति उत्तर पुस्तिका की दर से पुनः निर्धारित किए जाने की स्वीकृति दी गई है ।

राजगीर नेचर सफारी के संचालन के लिए 38 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। साथ ही 35 वाहनों को खरीदने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्य अभियंता पद पर संजय कुमार को एक वर्ष के लिए सेवा विस्तार दिया गया है। बिहार नगरपालिका अधिनियम में संशोधन कर 3 नये नगर निकायों के गठन को मंजूरी मिली है। सात नगर निकायों का उत्क्रमण और दो नगर निकायों के विस्तार सहित सात नगर निकायों के नाम में संशोधन की स्वीकृति कैबिनेट में दी गई है।

सरकार की ओर से संचालित महाविद्यालय की स्थापना एवं शैक्षणिक व्यवस्था संबंधित विश्वविद्यालय को हस्तांतरित करते हुए इन महाविद्यालयों को संबंधित विश्वविद्यालयों की अंगीभूत इकाई के रूप में मान्यता प्रदान करने की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। 1 जुलाई 2017 से राष्ट्रीय स्तर पर माल और सेवा कर लागू होने के बाद बिहार माल और सेवा कर अधिनियम 2017 के प्रभावी कार्यान्वयन, विश्लेषण एवं राजस्व संग्रहण के अनुश्रवण के लिए वाणिज्य कर विभाग के अंतर्गत संविदा के आधार पर नियोजन के लिए अधिक से अधिक योग्य एवं अनुभवी पदाधिकारी प्राप्त होंगे।

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