बिहार की नदियों में उफान से बढ़ा बाढ़ का खतरा

बिहार की नदियों में उफान से बढ़ा बाढ़ का खतरा

पटना: नेपाल में लगातार हो रही वर्षा के कारण बिहार की नदियां उफान पर हैं। इसके साथ ही मौसम विभाग ने बिहार में अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है। बुधवार को पूरे बिहार में बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। हल्की आंधी के साथ बिजली के चमकने की संभावना है।

मौसम विभाग ने पूरे बिहार में दो प्रकार के मौसम का पूर्वानुमान लगाया है। पहला मूसलाधार बारिश के साथ बिजली चमकने और बादल के गरजने वाले जिले। इन जिलों में सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज हैं। दूसरा मध्यम दर्जे की बारिश के साथ बिजली चमकने और बादल गरजने वाले जिले। इसमें पटना, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर समेत बिहार के 34 जिले हैं। पूरे बिहार में मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को दिन में 3 बजे से 4 बजे और रात को 9 बजे के बाद रात भर बारिश होने की संभावना है।

पिछले दो दिनों से बिहार के कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश तो कुछ जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश होगी। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कोसी, गंडक और बागमती नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। पटना में भी गंगा का जल-स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग हाई अलर्ट पर है।

कोसी नदी पानी सुपौल और सहरसा के निचले इलाकों में घुसा ा
कोसी नदी में जल-स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसलिए सुपौल के वीरपुर बराज के 56 में से 35 फाटक खोल दिये गये हैं। बराज से 2 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। तटबंध पर पानी का भारी दबाव है। इससे सुपौल और सहरसा के निचले इलाकों में घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सुपौल के किशनपुर प्रखंड में दुबियाही मौजहा मुख्य सड़क टूट गई है। निर्मली प्रखंड में 200 एकड़ क्षेत्र में धान की फसल डूब गई है। सुपौल में पश्चिमी कोसी तटबंध के रिटायर बांध का स्पर ध्वस्त हो गया है।

कटिहार के कई गांव में महानंदा नदी का पानी घुसा
सीमांचल इलाके में महानंदा नदी भी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कटिहार के आजमनगर के आधा दर्जन से अधिक गांवों में महानंदा का पानी घुस गया है। कनकई और परमान नदियों के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है।

वाल्मीकिनगर के गंडक बराज से छोड़ा गया पानी, गाेपालगंज के कई गांव डूबे
गंडक नदी में पानी के भारी दबाव से बाल्मीकिनगर बराज पर मंडराते खतरा को देखते हुए उसके सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। बाल्मीकिनगर बराज से लगाातर तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। देर रात यह 3.17 लाख क्यूसेक हो गया था। इससे गाेपालगंज में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सदर व मांझा प्रखंडों के कई गांव डूब गए हैं। दोनों प्रखंडों के कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। पतराहा छरकी, मसान थाना छरकी व ग्रामीण तटबंध पर नदी का भारी दबाव है। बाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी गंडक का पानी घुसने के कारण जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं। पश्चिम चंपारण के गौनाहा में कटहा नदी पर बना पुल दो भागों में बंट जाने से दो गांवों का संपर्क कट गया है।

पटना, भागलपुर और मुंगेर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी
पटना के गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। सोन और पुनपुन नदियां भी उफान पर हैं।गंगा नदी के जलस्तर में भी लगातार बढ़ोतरी होती दिख रही है। भागलपुर के कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से महज 31 सेंटीमीटर नीचे है। मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 2.83 मीटर नीचे है। तेज कटाव के कारण तीन दर्जन से ज्यादा गांव खतरे में हैं। हालांकि, जल संसाधन विभाग अलर्ट है।

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