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पटना के आलू धनी चक में 4 बच्चे जिंदा जले, मुख्यमंत्री ने राहत कोष से चार-चार लाख का दिया अनुदान

पटना: बिहार में पटना जिले के पुनपुन थाना क्षेत्र के अलाउद्दीनचक गांव में बुधवार की अहले सुबह कोरोना से बचाव के लिए अपने चार बच्चों को झोपड़ीनुमा घर में बंद कर माता-पिता खेत में काम करने चले गये। इस दौरान अचानक झोपड़ी में आग लगने से चारों बच्चे जिंदा जल गये। चारों ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विभत्स घटना पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर पीड़ित परिजन को इस असहाय पीड़ा को सहन करने की शक्ति दें। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से परिजन को चार-चार लाख रुपये की मुआवजा राशि तत्काल जारी करने का आदेश दिया है।
पुलिस के मुताबिक छोटू पासवान परिवार के साथ पुनपुन थाना क्षेत्र अंतर्गत आलूद्दीनचक गांव के पास रेलवे किनारे झोपड़ी बनाकर रहता है। उसके घर में गैस लीकेज के कारण आग लग गई। जब तक किसी को इसकी खबर होती आग काफी विकराल हो चुकी थी। लोग बच्‍चों को बचाने के लिए दौड़कर मौके पर पहुंचे तो देखा कि झोपड़ी का दरवाजा अंदर से बंद है। इसके कारण बचाने का प्रयास सफल नहीं हो सका। इस घटना में चार मासूमों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. मृतकों में बबली कुमारी (12), राखी (6), आरती (5) और अंकित (4) हैं।
कोरोना के डर से बच्चों को घर में बंद कर खेत पर गए थे काम करने
गांव में कई लोग संक्रमित हैं। ऐसे में अपने बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए छोटू पासवान और उनकी पत्नी खेत पर गेहूं काटने जाते समय झोपड़ीनुमा घर में बंद कर चारों बच्चों को चले गये। इसके कुछ ही देर बाद झोपड़ी में आग लग गई। आग की लपटों को देखकर जब तक गांव के लोग शोर मचाते मौके पर पहुंचे, देर हो चुकी थी। चारों बच्चे झोपड़ी के अंदर झुलसकर दम तोड़ चुके थे। उनका चेहरा तक पहचान में नहीं आ रहा था।
अगलगी की इस घटना में झोपड़ी में रखी संपत्ति भी जलकर नष्ट हो गई। ऐसे में जहां पीड़ित परिजनों की गोद सूनी हो गई है। वे खुले आसमान के नीचे आ गये हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुनपुन थाने की पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
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