पटना: देश के कई हिस्सों के साथ साथ बिहार में भी आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किये गये. इस बार बिहार में कम तीव्रता और अधिकतर लोगों के सोये होने के कारण भूकंप की सूचना लोगों को सुबह में मिली. लेकिन इस भूकंप का असर नेपाल, भारत से लेकर चीन तक हुआ है. भूकंप का केंद्र नेपाल में धरती से करीब 10 किलोमीटर नीचे था. बिहार भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में आता है. ऐसे में भूकंप की सूचना से लोग सहम जाते हैं.
खौफनाक भूकंप का मंजर बिहार ने कई बार देखा था. चार जून 1764 को आया भूकंप तीव्रता के हिसाब से रिक्टर स्केल पर 6 का था, तो 23 अगस्त 1833 को आया भूकंप 7.5 का. बिहार में जो आखिरी बड़ा भूकंप आया, वो 21 अगस्त 1988 का था, उसकी भी तीव्रता 6.6 ही थी. बिहार और भारत तो दूर, विश्व इतिहास में भी ऐसी तीव्रता वाले भूकंप कम ही रिकॉर्ड किये गये हैं. बिहार में आया सबसे खौफनाक भूकंप 1934 का रहा. 15 जनवरी, 1934 को आये प्रलयकारी भूकंप से जुड़ी कई बातें याद कर आज भी यहां के लोग सहम जाते हैं. रिक्टर स्केल पर तब उसकी तीव्रता 8.4 आंकी गयी थी. वैसे अब गांवों व शहरों में उस उम्र के लोग कम ही बचे हैं, लेकिन कहानियां और दस्तावेजों से उसकी भयावहता स्पष्ट महसूस की जाती है.