सहरसा: सहरसा जिले में एक तरफ जहां स्वयंसेवी संगठन खून की कमी से जूझ रहे मरीजों को रक्तदान कर जान बचा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिले में खून का अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है, जिसमें खून के सौदागर नाबालिग बच्चों का खून निकाल मोटी रकम कमा रहे हैं।
ऐसे ही एक वाकये को लेकर सराही निवासी विनोद सिंह के पुत्र अभिनव कुमार सिंह ने सोमवार को सदर थानाध्यक्ष को आवेदन देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। थाना को दिये आवेदन में कहा गया कि 19 जून को नया बाजार निवासी रितिक कुमार एवं आनंद कुमार ने फोन करके एक डॉक्टर की क्लीनिक पर बुलाया, जहां जबरन मेरे शरीर से खून निकाल लिया।
उसने कहा कि इससे पूर्व भी नवम्बर 20 में टेस्ट के नाम पर एक दूसरे डॉक्टर की क्लीनिक में खून निकाल लिया गया, जबकि अबतक चार बार जबरन खून निकाल लिया गया। एक अन्य लड़का विपिन कुमार सहित अन्य कई लड़कों को नशा खिलाकर बेहोशी की हालत में जबरन खून निकलवा कर बेच दिया जा रहा है। उसने बताया कि शरीर में बहुत कमजोरी महसूस होने पर उसने सारी बातें अपनी मां को बतायी। तब जाकर उसकी मां ने सदर थानाध्यक्ष को आवेदन देकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि शहर में एक निजी अस्पताल में मरीज के इलाज के दौरान अधिक पैसा लेकर खून बेचने का मामला पूर्व में ही उजागर हो चुका है। बताया जाता है की शहर में रक्त कारोबारी काफी संख्या में सक्रिय हैं। जिस पर नकेल कसने की आवश्यकता है।