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बिहार में बीते छह दिन में 1,050 प्रतिशत बढ़ा कोरोना संक्रमण

-संक्रमण की रफ्तार नए वैरिएंट का इंडिकेटर
-बिहार में डेल्टा नहीं, ओमिक्रोन की तेज रफ्तार!

पटना: बिहार में कोरोना की तेज रफ्तार ने वायरस की पहचान उजागर कर दी है। जांच में अब तक भले ही ओमिक्रोन के मामले नहीं आए हैं लेकिन संक्रमण की रफ्तार नए वैरिएंट का इंडिकेटर है। बीते छह दिनों में वायरस 1050 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग भी मान रहा है कि राज्य में डेल्टा और डेल्टा प्लस के साथ अधिकतर मामले ओमिक्रोन वैरिएंट का इंडिकेशन दे रहे हैं।

31 दिसंबर को राज्य में 158 नए मामले आए थे जो पांच जनवरी को बढ़कर 1659 हो गए। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पीक पर ही यह रफ्तार देखी गई थी। बिहार में अब तक जो भी स्टडी हुई है उसके मुताबिक डेल्टा और डेल्टा प्लस में संक्रमण दर इतनी तेज नहीं थी। डेल्टा प्लस ने दूसरी लहर में काफी तबाही मचाई लेकिन संक्रमण की रफ्तार उसमें भी इतनी तेज नहीं थी। जब डेल्टा प्लस वाले वायरस का पीक था तब इतना तेज मामला बढ़ रहा था लेकिन अभी पीक भी नहीं आया है और यह रफ्तार ओमिक्रोन का ही इंडिकेटर है।

2021 में जब पीक पर कोरोना आने वाला था तब एक अप्रैल 2021 को 488 नए मामले आए थे और सात को 1524 नए संक्रमित हो गए थे। ठीक इसी रफ्तार से कोरोना का संक्रमण इस समय बढ़ रहा है। ऐसे में यह आशंका बढ़ रही है कि बिहार में तेजी से फैल रहा संक्रमण कोरोना के नए वैरिएंट के अधिक मामलों वाला है।स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की रफ्तार को लेकर यह आशंका जाहिर कर रहा है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस में इस तरह की रफ्तार नहीं थी।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि जिस तरह से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह ट्रेंड इंडिकेट कर रहा है कि राज्य में डेल्टा और डेल्टा प्लस के साथ ज्यादातर ओमिक्रोन वैरिएंट के मरीज हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुटा है और संक्रमण का पता लगाने के लिए ओमिक्रोन की जांच पड़ताल करा रहा है। संक्रमण के बढ़ने का जो ट्रेंड है वह पूरी तरह से ओमिक्रॉन का इंडिकेशन है।

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