पटना, 11 नवम्बर (हि.स.)। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबल कलाम आजाद की जयंती (शिक्षा दिवस) के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सक्षमता पास शिक्षक सरकारी सेवक हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति बेहतर हो रही है। बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) द्वारा नए शिक्षक बहाल किए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश में शिक्षा की बेहतरी के लिए बहुत काम किया। आज राज्य सरकार इन्हीं के नीति पर शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है। उन्होंने कुछ आकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2005 में शिक्षा पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहा था। आज यह 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। स्कूलों में सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि आज स्थिति यह है कि ड्रॉप आउट वाले बच्चों की संख्या एक प्रतिशत तक पहुंच गई है। हर पंचायत में प्लस टू स्कूल खोले गए हैं। ताकि बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने दूर नहीं जाना पड़े। महिलाओं का साक्षरता दर 74 प्रतिशत तक पहुंच गया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रत्येक निजी स्कूलों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर बच्चों का आधार अपलोड करना है। निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत बच्चों का नामांकन कराना अनिवार्य है। जहां निजी स्कूलों को बकाया राशि मामला है उनको भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तक को पहुंचा दिया गया है। अब शिक्षकों का दायित्व है कि वे बच्चों को शिक्षित करें और अच्छा समाज का निर्माण करें।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के फिजिकल पर ध्याना होगा। स्कूल स्तर पर खेल को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे बच्चे पढ़ाई के अलावा के खेल के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकें।
मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य में शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। इसमें और सुधार हो इसके लिए सभी की भागीदारी आवश्यक है। शिक्षक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। आज जो बच्चे पढ़ रहे वे कल कहीं न कहीं अच्छे पदों पर होंगे। शिक्षक पूरी जवाबदेही से काम करें और अपनी जवाबदेही समझे।