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सीएम ने की पथ निर्माण विभाग की समीक्षा, गंगा नदी पर निर्माणाधीन 9 मेगा पुल परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर पूरा करने के निर्देश

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शनिवार शाम पथ निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग की मेगा परियोजनाओं की प्रगति की गहन जानकारी ली। उन्होंने निर्देश देते हुये कहा कि गंगा नदी पर निर्माणाधीन 9 मेगा पुल परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर पूर्ण करें। मुंगेर घाट रेल-सह-सड़क पुल के बारे में कहा कि इस ब्रिज का शिलान्यास वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी से हमने कराया था, अब यह बनकर तैयार है। इसके एप्रोच रोड के बचे हुये 650 मीटर काम को जल्द से जल्द पूर्ण करें। 
उन्होंने कहा कि कच्ची दरगाह से बिदुपुर पुल, बक्सर के पुराने पुल का जीर्णोद्धार, राजेन्द्र सेतु के समानांतर नये 6 लेन अंटाघाट से सिमरिया पुल का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण करें। महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नया 4 लेन पुल, मनिहारी से साहेबगंज के बीच निर्माणाधीन नया पुल एवं विक्रमशिला सेतु के कार्य में भी तेजी लायी जाय।
मुख्यमंत्री ने दिघवारा से शेरपुर के बीच 6 लेन पुल, बेगुसराय में मटिहानी से साम्भो की बीच नया पुल एवं भागलपुर में विक्रमशिला से कटोरिया तक रेल-सह-सड़क पुल के संबंध में जानकारी ली और इसके निर्माण में राज्य सरकार की ओर पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा राज्य में कई पथों और पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। गंगा नदी पर जेपी सेतु के समानांतर 4 लेन पुल के निर्माण के लिये विभाग द्वारा शीघ्र कार्रवाई की जाय, जिससे पुल का निर्माण प्रारंभ हो सके।
उन्होंने कहा कि जेपी गंगा पथ के निर्माण का उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुये किया गया है ताकि लोगों को आवागमन में सहूलियत हो। इसका निर्माण कार्य तेजी से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी पुल परियोजनाएं पूर्ण हो जाने पर राज्य में उत्तर से दक्षिण बिहार की सम्पर्कता अत्यंत बेहतर हो जायेगी। राज्य में दीर्घकालीन पथ संधारण व्यवस्था (ओपीआरएमसी) के अंतर्गत पथों का उत्कृष्ट संधारण किया जाना चाहिये। पथों के मेंटेनेंस को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की परिधि में लाया गया है। पथों एवं पुलों के बेहतर निर्माण के साथ-साथ उनका मेंटेनेंस करने के लिये हमलोग प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि पथों का मेंटेनेंस विभागीय स्तर पर ही हो। विभाग के इंजीनियर पथों के मेंटेनेंस में सक्रिय भूमिका निभायें, इससे खर्च भी कम होगा और गुणवता भी बेहतर होगी।
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