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सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के बिहार डायरी एवं कैलेंडर 2021 का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए साल के अवसर पर बिहार सरकार की सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार डायरी एवं कैलेंडर 2021 का लोकार्पण किया.

बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध है. यह भूमि विभिन्न सभ्यताओं के पुष्पित एवं पल्लवित होने का साक्षी है. इससे लोगों को अवगत कराने के मकसद से इस वर्ष कैलेंडर में बिहार के नव अन्वेषित पुरातात्विक स्थलों को दर्शाया गया है.

कैलेंडर के प्रथम पृष्ठ पर बिहार के चार प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक तेल्हारा विश्वविद्यालय नालंदा की संदर्भ में उल्लेख किया गया है. जिसका कालखंड पहली से 12 वीं सदी की है. कैलेंडर के अलग-अलग पृष्ठ पर ईसवी पूर्व छठी शताब्दी में निर्मित राजगीर का साइक्लोपीयन वॉल, शेरशाह और राजा मानसिंह से जुड़ा रोहतास गढ़ किला, 18वीं सदी के निर्मित रोहतास का शेरगढ़, मधुबनी का बलिराज गढ़, भारत में नदि घाटी से प्राप्त पहला नवपाषाण युगीन पुरास्थल चिरांद सारण के विषय में जानकारी दी गई है.

इसके अलावा वैशाली में गंगा नदी के तट पर स्थित महत्वपूर्ण पुरास्थल चेचर, गंगा घाटी मेउन पहाड़ी पर स्थित पहला उत्खनित बौद्ध बिहार लखीसराय का लाल पहाड़ी, गंगा और कर्मनाशा नदियों के संगम पर चौसा बक्सर में 12वीं एवं 13वीं सदी के पुराअवशेषों को समेटे हुए ताम्र पाषाण युगीन पुरास्थल, वैशाली का विशालगढ़ भदरिया, बांका एवं भागलपुर के ग्वारी डीह में कोसी नदी के किनारे हाल ही में खोजा गया पुरास्थल स्थल का वर्णन किया गया है.

लोकार्पण के अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव सूचना एवं जनसंपर्क अनुपम कुमार, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क प्रदीप कुमार झा उपस्थित थे.

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