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शिक्षा मंत्री और केके पाठक को मुख्यमंत्री ने बुलाया, विवाद को सुलझाने की कवायद

लालू यादव ने भी दिल्ली जाने से पूर्व शिक्षा मंत्री से की बात

पटना, 6 जुलाई (हि.स.)। बिहार में शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच उठा विवाद थमता नहीं देख आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इनके बीच आना ही पड़ा। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और केके पाठक को मुख्यमंत्री ने गुरुवार को आवास पर बुलाया। तीनों के बीच लगभग आधे घंटे बात हुई। लालू यादव ने भी दिल्ली जाने से पहले शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को आवास पर बुलाकर बात की थी। प्रो. चंद्रशेखर राजद पार्टी के हैं।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री ने मीडिया के सवाल पर कहा कि विवाद कुछ नहीं है। आप लोग चैनल के माध्यम से जो दिखा रहे हैं मैं उसी से वाकिफ हुआ हूं। साथ ही सवाल किया कि संविधान में कौन बड़ा है, सचिव या मंत्री? उन्होंने कहा कि हम चीजों को देख रहे हैं, समझ रहे हैं उसके बाद बोलेंगे।

ये है पूरा मामला
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ कृष्णा नंद यादव ने पत्र लिखा था। पत्र में शिक्षा मंत्री की ओर से केके पाठक सहित विभाग के निर्देशक स्तर के कुछ अधिकारियों की कार्यशैली पर आपत्ति जतायी गयी थी। पत्र में कहा गया था कि यह सुनिश्चित किया जाये कि लोक सेवक अपनी छवि को चमकाने, राबिनहुड की छवि बनाने के लिए विभाग के संसाधनों और सरकार का सहारा न ले सके। इसके बाद यह पत्र वायरल हो गया। केके पाठक ने शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव की विभाग में एंट्री पर रोक लगा दी। सवाल उठने लगे कि आखिर मंत्री को ऐसे पत्र लिखने की क्या जरूरत पड़ी।

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