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जाति आधारित गणना के पक्ष में माहौल बनाएं अधिकारी, कर्मचारी: नीतीश कुमार

पटना, 28 अप्रैल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना में सिविल सेवा दिवस के मौके पर कहा कि सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जाति आधारित गणना के पक्ष में माहौल बनायें। उन्होंने कहा कि हमलोग राज्य में जाति आधारित गणना कर रहे हैं तो इसको भी जगह-जगह चैलेंज करने का शुरूआत हुई है। ये बात समझ से परे है। ये सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों का दायित्व है कि वे लोगों को स्पष्ट रूप से बताएं कि यह समाज के लिए जरूरी है।

सीएम ने कहा कि जाति आधारित गणना हम लोग कर रहे हैं, ये जाति आधारित जनगणना नहीं है। जनगणना तो केंद्र का काम होता है। हम गणना कर रहे हैं और आप बताइये कि हम लोग का डिमांड कब से चल रहा था। वर्ष 2011 में केंद्र ने भी किया था लेकिन उसे पब्लिश नहीं किया। नीतीश ने कहा कि पीएम से मिलने के बाद यह कार्य राज्य में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री से मिलने सारी पार्टियां गयीं। इसी के बाद कह दिया कि ठीक है हमलोग तो नहीं करेंगे आप लोग राज्य में करना है तो करिये।

नीतीश ने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को कहा कि जाति आधारित गणना का आप सब लोगों का दायित्व है। क्लीयर कट लोगों को कहिये। कौन किस जाति का है ये हमलोग जानेंगे ही लेकिन कौन किस जाति का है और उसकी आर्थिक स्थिति क्या है, हम लोग ये न करवा रहे हैं। इसमें किसको दिक्कत है। किस लिए कह रहा है कि मत करिये। आप जरा बताइये कहां-कहां लोग जा रहे हैं।

नीतीश कुमार ने सम्बोधन के बाद पत्रकारों से बातचीत में आनंद मोहन की रिहाई को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई मैं सभी कानूनी पहलुओं का बारीकी से अध्ययन करने के बाद उन्हें रिहा किया गया है। कानून का पालन किया गया है। इसके लिए भी भाजपा को दिक्कत है।

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार राज्य में जातिगत आधारित गणना करा रही है। सरकार कह रही है कि इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के सही क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। अभी बिहार में जातिगत जनगणना का दूसरा चरण चल रहा है। पहले चरण की जाति जनगणना 7 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चली थी। दूसरे चरण की गणना की शुरुआत 15 अप्रैल को हुई थी, जो 15 मई तक चलेगा। इसमें राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों की जाति पूछ रहे हैं।

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