बस संचालकों की मनमानी, वसूल रहे डेढ़ से दो गुना ज्यादा किराया

बस संचालकों की मनमानी, वसूल रहे डेढ़ से दो गुना ज्यादा किराया

गोपालगंज: कोरोना महामारी को लेकर लगे लॉकडाउन हटाने के बाद शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रही निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी से जहां निर्धारित किराए से डेढ़ से दो गुना किराया तो वसूल ही रहे हैं, वहीं यात्रियों को जानवरों की तरह ठूसा जा रहा है। इसके बावजूद भी परिवहन विभाग हो या पुलिस प्रशासन आंखों पर पट्टी बांधे सब देख रहा है।

कार्रवाई न होने के कारण ऐसे बस ऑपरेटरों के हौंसले और बुलंद होते जा रहे हैं। वह नहीं केवल अधिक किराया वसूल रहे हैं बल्कि क्षमता से अधिक यात्रियों को बसों में बैठाकर दुर्घटनाओं की शंका को प्रबल कर रहे हैं। वहीं सरकार के कोरोना गाइडलाइन का खुल्लम खुल्ला धज्जियां उठा रहे है। यह नियम कोई चोरी छिपे नहीं तोड़ रहे है। जिला प्रशासन के नाक के सामने यात्रियों को लूट रहे है। यात्रियों के विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की घटना रोजमर्रा की हो गई है।

अगर बस के ऑपरेटरों की दादा गिरी देखना हो तो आप नगर के राजेन्द्र बस स्टैड पर सुबह और शाम आकर देख सकते है। राजेन्द्र बस स्टैड से सीवान के लिए प्रतिदिन 50 से 60 बसें चलती है। गोपालगंज से सीवान की दूरी 32 किलोमीटर है। लेकिन यात्रियों से 100 रूपए जबरन वसूले जा रहे है। इसी प्रकार गोपालगंज से गोरखपुर तक अवैध तरीके से चलने वाली बसे 300 से लेकर 400 रूपए वसूल रही है। इस बस में सर्वाधिक यात्री ऐसे सफर करते हैं जो कि बाहर से कमाकर अपने घर लौटते है।

इन बस ऑपरेटरों को परिवहन नियमों व किराया सूची की जानकारी भी नहीं है। ऐसे यात्रियों से बस ऑपरेटर द्वारा जबरन किराया वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं 40 सीटर बस में 80 से अधिक यात्री में बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को खड़े-खड़े सफर करने पर मजबूर करते है। पटना का 500,सीवान का 100,मीरगंज का 50,मोतिहारी का 300 आदि जगहों का किराया वसूल किया जा रहा है।

यात्रियों का कहना हैं कि शहर में तो सैकड़ों की संख्या में वाहनों दौड़ते नजर आते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कम बसें या सवारी गाड़ी चलते है। जिसके चलते बस मालिक इन भोले-भाले यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर अधिक किराया वसूलते हैं। जिले से चलने वाले बस में न तो चालक ने ड्रेस कोड का पालन करते है और न ही बस में फास्टेड बॉक्स रखते है।

इसके अतिरिक्त बस में अग्निशमन यंत्र भी मौजूद नहीं होते है। इसके बावजूद भी ऐसी बसें बेखौफ होकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित की जा रही हैं। इससे सीधे लगता है कि इन बस ऑपरेटरों को परिवहन विभाग की मौन स्वीकृति प्रदान हैं। डीटीओ प्रमोद कुमार ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बस ऑपरेटरों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है तो उसके विरुद्ध जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए यात्रियों को बाकायदा शिकायत करनी चाहिए।

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