बिहार के लाल प्रो. डॉ. ओमप्रकाश भारती फिजी में भारत के सांस्कृतिक राजनयिक बने

बिहार के लाल प्रो. डॉ. ओमप्रकाश भारती फिजी में भारत के सांस्कृतिक राजनयिक बने

New Delhi: भारत सरकार ने बिहार के लाल प्रो. डॉ. ओमप्रकाश भारती को फिजी में भारत के सांस्कृतिक राजनयिक पद पर नियुक्त किया है. सहरसा जिले के एक छोटे से गांव मनखाही में जन्मे प्रो भारती अब बतौर कल्चरल एंबेसडर सह विदेश मंत्रालय के अधीन फिजी के भारतीय दूतावास में इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशन के यूनिट स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक होंगे. भारत सरकार ने उन्हें अगले तीन साल के लिए प्रथम सचिव व भारतीय राजनयिक स्तर के इस पद पर नियुक्त किया है. गुरु पूर्णिमा के दिन शुक्रवार को उन्होंने नई दिल्ली में फीजी के उच्चायुक्त के साथ मीटिंग के दौरान भारतीय राजनयिक का प्रभार लिया.

बिहार की लोक कला नटुआ नाच में पीएचडी पूरी करने के बाद वर्ष 1996 में भारतीय संगीत नाटक अकादमी से अपने कला प्रशासन के कैरियर की शुरुआत करने वाले प्रो भारती अबतक महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी हिंदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में फिल्म एवं प्रदर्शनकारी कला विभाग के विभागाध्यक्ष थे. इस से पहले प्रो भारती पटना रंगमंच में सक्रिय रहें. जिसके बाद उन्होंनेदिल्ली में केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी में उप-सचिव (नाटक) के पद पर रहते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसके बाद अकादमी के पूर्वोतर भारत के शिलौंग केंद्र के भी उप-सचिव रह कर सेवाएँ दी हैं.

लोक कलाविद्, कला इतिहासकार, लेखक व अकादमिशियन प्रो. भारती ने गांव में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद पटना विश्वविद्यालय से नाट्यकला और साहित्य में अलग-अलग पीजी करने के दौरान स्वर्ण पदक प्राप्त किया. वहीं से और उसके बाद कई पुस्तकों का लेखन, नाटकों की रचना, कला सम्मान से सम्मानित होते हुए आज भारतीय राजनयिक बने.साथ ही उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, दीमापुर(नागालैंड) और जवाहर लाल नेहरू मणिपुरी नृत्य अकादमी, इंफाल(मणिपुर) में निदेशक रहे. इससे पूर्व संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली में वह उप सचिव (नाट्य) और उपसचिव(लोक एवं जनजातीय कला) के बतौर कार्यरत रहे. इसके अलावे संगीत नाटक अकादमी, पूर्वोत्तर भारत केंद्र, शिलांग(मेघालय) में भी बतौर उपसचिव सेवा दी.

18 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं

प्रो. भारती  कोसी पर केंद्रित  रचना बांध टूटने दो,नदियां गाती हैं, बिहार के पारंपरिक नाट्य के साथ-साथ कला, संस्कृति, गीत आदि पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं. उन्हें 2007-08 इंदिरा गांधी राजभाषा सम्मान मिला था. इसके अलावे 2007 में बिलासा लोक साहित्य सम्मान, 2008 में सेरा पंच सम्मान और 2009 में पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी सम्मान से नवाजा जा चुका है.

उनके इस सफलता पर संगीत नाट्य अकादमी के जुड़े लोगों ने उन्हें बधाइयाँ दी है. कलाकर जैनेन्द्र दोस्त ने भी भारती को राजनयिक चुने जाने पर शुभकामनाएं दी.

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