Chhapra/ Sonpur: त्रेता युग मे भगवान श्रीराम ने शिवजी के धनुष को तोड़कर सीता माता के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे. इसके लिए राजा जनक ने स्वयंवर का आयोजन किया था जिसमे पृथ्वी के योद्धाओं का जमघट लगा था. सबने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया लेकिन धनुष श्रीराम ही तोड़ने में सफल हुए. त्रेता युग के इस स्वयं वर को भले ही किसी ने ना देखा हो लेकिन सोनपुर के सबलपुर दियारा इलाके में आयोजित स्वयंवर को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी. हालांकि स्वयं वर में वर पहले से ही तय था बावजूद इसके त्रेता युग मे धनुष तोड़ने और वरमाला डालने का मनोरम दृश्य देखने के लिए हजारों लोग साक्षी बने.
बहरहाल कलयुग में त्रेता युग के स्वयं वर की पुनरावृत्ति पूरे जिले में चर्चा का विषय बना है. शादी का समापन भले हो चुका हो दुल्हन अपने ससुराल पहुंच चुकी है लेकिन शादी में धनुष तोड़ने और वरमाला डालने की घटना सबों की जुबान पर ताजा है.
सोनपुर के सबलपुर पूर्वी टोला में विगत दिनों मुंशी राय की पुत्री प्रियंका के शादी समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमे छपरा के महमदपुर निवासी धर्मनाथ राय के पुत्र अर्जुन कुमार की बारात आयी थी. बारात समय से वधु पक्ष के दरवाजे पर पहुंची लेकिन द्वारपूजा के बाद जयमाला की रश्म को लेकर वधु पक्ष द्वारा अलग ही तैयारी की गई थी.
जयमाला की रश्म के लिए वर को धनुष तोड़ना था जिसके बाद वधु द्वारा वर के गले मे जयमाला डाला गया. ब्राह्मण द्वारा त्रेता युग की तरह कहानी का वर्णन करते हुए वर से धनुष तोड़वाया गया जिसके बाद युवती ने वरमाला डाला.
धनुष तोड़कर वरमाला डालने की रश्म को देखने के लिए सैकड़ों महिला पुरूष की भीड़ जमा थी. कलयुग में इस रश्म की चर्चा जोरों पर है.