Site icon | छपरा टुडे डॉट कॉम | #ChhapraToday.com

बिहारः नई इथनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति का असर, 650 करोड़ के निवेश की संभावना

पटना: केेंद्र और बिहार सरकार की नई इथनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति का असर दिखने लगा है। राज्य सरकार की ओर से दिये गए निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरने लगे हैं। बिहार के तीन जिले मधुबनी, मोतिहारी और गोपालगंज में राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एसआईपीबी) ने इथनॉल उत्पादन इकाई स्थापित किए जाने के तीन निवेश प्रस्तावों को प्रथम स्टेज का क्लियरेंस दे दी है। इन तीन निवेश प्रस्तावों से बिहार में करीब 650 करोड़ का निवेश होने की उम्मीद है।

मिथिलांचल में लगेगी पहली इकाई, होगा 400 करोड़ का निवेश
राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद ने जिन प्रस्तावों को पहले चरण की मंजूरी दी है, उसमें सबसे प्रमुख मिथिलांचल क्षेत्र के मधुबनी जिले का है। मधुबनी के लोहट में सोनासती ऑर्गेनिक्स द्वारा इथनॉल इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। कंपनी द्वारा यहां इथनॉल के अलावा चीनी और बिजली भी बनाई जाएगी। इसमें करीब 400 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।कंपनी ने 2013-14 के मध्य में अपना वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया था। इसके बाद, यह 2014-15 और 2015-16 के दौरान शराब उत्पादन के साथ जारी रहा। अप्रैल 2016 में बिहार में मद्या निषेध कानून के लागू होने के बाद, कंपनी ने उत्पादन बंद कर दिया और इथेनॉल के उत्पादन के लिए अतिरिक्त निवेश के साथ मौजूदा इकाई को परिवर्तित कर दिया, जिसे देश की प्रमुख तेल  कंपनियों को आपूर्ति की जा रही है।गोपालगंज-मोतिहारी में होगा करीब 250 करोड़ से अधिक निवेशएसआईपीबी ने मोतिहारी और गोपालगंज में भी इथनॉल उत्पादन इकाइयों को स्टेज-1 क्लियरेंस दी है। मोतिहारी में तिरहुत उद्योग प्राइवेट लिमिटेड ने 120 करोड़ की लागत से इथनॉल प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है। तिरहुत ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड एक स्टार्टअप कंपनी है। तिरहुत ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशक हैं, अभय कुमार और सरोज कुमार। तिरहुत ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत कार्यालय मुजफ्फरपुर में हैं। जबकि गोपालगंज में बिरला समूह की इकाई भारत सुगर मिल भी इथनॉल उत्पादन शुरू करेगा। कंपनी ने 133 करोड़ का निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है। उद्योग विभाग ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस यूनिट में प्रतिदिन 75 केएलपीडी (किलो लीटर प्रतिदिन) इथनॉल उत्पादन करने की योजना है। इससे बढ़ाकर 100 केएलपीडी किया जा सकता है। उद्योग विभाग की मानें तो इथनॉल के प्राथमिकता सूची में शामिल होने के चलते तमाम लाइसेंस व अनापत्ति जल्द इन इकाइयों को मिल जाएंगी। उसके बाद स्टेज-2 यानि फाइनेंशियल क्लियरेंस के लिए आवेदन होगा। एसआईपीबी से उसकी अनुमति मिलते ही निवेशक कंपनियां राज्य सरकार से सब्सिडी व अन्य सुविधाएं पाने की अधिकारी हो जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि स्टेज-1 क्लियरेंस मिलने के बाद इन तीनों इकाईयों को श्रम, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, अग्निशमन आदि के एनओसी और लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। इसके साथ बैंक लोन के लिए भी इकाइयां आवेदन करेंगी। राज्य के उद्योग मंत्री जब से शाहनवाज हुसैन बने हैं तब से इथनॉल उत्पादन पर राज्य सरकार का खासा ध्यान है। केंद्र द्वारा बिना चीनी के सीधे इथनॉल बनाए जाने संबंधी नियमों में बदलाव के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने दो सप्ताह पूर्व मंत्रिपरिषद से नई इथनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी थी। बीते दिनों पटना स्थित होटल मोर्या में नई नीति को जारी करते हुए उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बिहार को इथनॉल हब बनाने की बात कही थी।

Exit mobile version