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बिहार मंत्रिपरिषद: 18 एजेंडों पर लगी मुहर, पंचायत प्रतिनिधियों को लगा झटका

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगी।

बिहार सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। बिहार में पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार को समाप्त होने के बाद बिहार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना होने की स्थिति में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।

मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग के एजेंडों में कहा गया है कि यदि किसी कारण से ग्राम पंचायत का आम निर्वाचन कराना संभव नहीं हो तो इस अवधि के अवसान पर ग्राम पंचायत भंग हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में निहित सभी शक्ति और कृतियों का प्रयोग या संपादन ऐसी परामर्श समिति द्वारा की जाएगी जिसे राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा गठित करें।

पंचायती राज मंत्री ने कहा कि संविधान में यह नियम है कि पांच साल से अधिक पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता है। बिहार कैबिनेट ने परामर्शी समिति बनाने का निर्णय किया है। अब इस प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा जायेगा। समिति में कौन-कौन लोग होंगे इस पर बाद में निर्णय होगा।

इसके अलावा जिन प्रमुख एजेंडों पर सरकार ने अपनी मुहर लगाई है। उनमें छठे राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर वित्तीय वर्ष 202-1 22 में कुल 6 अरब 56 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने को लेकर अग्रिम निकासी की स्वीकृति दी गई है।राज्य के विभिन्न जेलों में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ करने को लेकर एएनएम के पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।

बिहार कैबिनेट ने अक्षय पात्र फाउंडेशन बेंगलुरु एवं इस्कॉन चैरिटेबल ट्रस्ट पटना को केंद्रीकृत रसोईघर के माध्यम से पटना जिला के दानापुर, फुलवारी एवं पटना सदर प्रखंड के चिन्हित विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन आपूर्ति करने के लिए नामांकन के आधार पर चयन करने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई है।

बिहार वेब मीडिया नियमावली 2021 का बिहार कैबिनेट ने अनुमोदन कर दिया है।

सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के लिए जो अनुमोदन किया गया है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल का विस्तार नहीं किया जायेगा।नीतीश सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को एक्टेंशन नहीं देने जा रही है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है।. बताया जा रहा है कि जब तक अगला चुनाव नहीं होगा तब तक परामर्श समिति को ही शक्ति दी जाएगी।

 

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