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राज सेवा के लिए मिलता है, भोग व मेवा के लिए नहीं: नीतीश

पटना: विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में राजद और कांग्रेस पर जम कर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जनता सबसे बड़ा कोर्ट होती है. जनता ने जनादेश दिया था. हमारी प्रतिबद्धता जनता की सेवा करने के लिए थी, न कि एक परिवार की सेवा करने के लिए थी.

राज सेवा के लिए मिलता है, भोग व मेवा के लिए नहीं. किसी भी तरह से धन-संपत्ति अर्जित करने के लिए जो कोई राजनीति करेगा, उसका साथ हम नहीं दे सकते हैं. हम राजनीति में पारदर्शिता के समर्थक रहे हैं. ऐसे में महागठबंधन सरकार में उनका डिफेंड करना सही नहीं था. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने निशाने पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को बनाये रखा. बिना नाम लिये उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जो भी सवाल उठाये हैं, एक-एक बात पर जवाब दिया जायेगा और समय पर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि ये लोग अहंकार में जीने वाले लोग हैं. भ्रम पालते हैं. महागठबंधन में किसका चेहरा लेकर जनता के पास गये और अब एक पार्टी के अस्तित्व को ही नकार रहे हैं. बिहार की जनता ने जो मेंडेड दिया था, वह काम करने के लिए था. हमने पूरा प्रयास किया और एक तिहाई समय तक चलाया.

इसमें कई तरह की कठिनाइयां आयीं. गठबंधन धर्म का पालन करते हुए हर तरह की समस्या को दूर करने को कोशिश की, लेकिन गठबंधन धर्म के विपरीत एक पार्टी की ओर से कई तरह के बयान दिये गये. हमने सब कुछ झेला. विपक्ष की टोका-टोकी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सारी चीजें एक-एक कर सामने आने लगीं, तो हमने तथ्यों के साथ जनता के बीच एक्सप्लेन करने को कहा. हमसे पूछा गया कि क्या एक्सप्लेन करें, तो हमने कहा कि जो आरोप लगा है उसका बिंदुवार उत्तर दे दें, लेकिन वे जवाब देने की स्थिति में नहीं थे.

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