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धरोहर को मिला सम्मान, नीतीश ने किया केंद्र सरकार का धन्यवाद

पटना: 11वीं शताब्दी तक पूरे विश्व को ज्ञान के याथर्थ से परिचय कराने का सबसे समृद्ध केंद्र रहे ‘नालंदा महाविहार’ के भग्नावेश को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर’ का दर्ज देकर बिहार समेत पूरे भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है. हाल ही में विश्व धरोहर समिति द्वारा तुर्की में आयोजित 40वें अधिवेशन में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया.

नालंदा महाविहार के भग्नावेश को ‘विश्व धरोहर’ के रूप में शामिल किये जाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूनेस्को के प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभी देशों, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, यूनेस्को स्थित भारतीय दूतावास, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, बिहार राज्य कला एवं संस्कृति मंत्रालय एवं सभी सम्बद्ध अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है.

विश्व के सबसे समृद्ध अध्ययन केंद्र पर सन् 1193 में बख्तियार ख़िलजी की तुर्क सेना ने आक्रमण कर इसे जला दिया था. यह भी एक अजीब संयोग है कि जिस तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा इस विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर प्रहार किया गया था आज उसी तुर्की में नालंदा महाविहार को ‘विश्व धरोहर’ घोषित किया गया है.

विदित हो की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(एएसआई) ने वर्ष 2015 में विश्व धरोहर समिति के समक्ष नालंदा महाविहार को विश्व धरोहर घोषित कराए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा था जिसे केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से यूनेस्को में पारित किया गया.

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