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NH को लेकर केन्द्र पर भेदभाव का आरोप राज्य सरकार की राजनीति: सुशील मोदी

पटना: पिछले साल एनएच की आधी योजनाएं भी पूरी नहीं करने वाली बिहार सरकार केन्द्र पर योजनाओं में कटौती का आरोप लगा रही है. मगर उसे बताना चाहिए कि पिछले वर्ष पथ निर्माण विभाग के एनएच विंग ने 129 किमी के विरुद्ध मात्र 56 किमी सड़क ही अवार्ड क्यों किया. उक्त बातें  पूर्व  उपमुख्यमंत्री  सुशिल कुमार  मोदी  ने  कही.

उन्होंने कहा कि  75 किमी निर्माण लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 45 किमी सड़क ही क्यों बनी? 545 करोड़ लागत की 73 किमी लम्बी 6 परियोजनाएं एक साल बाद भी अवार्ड क्यों नहीं हो पाई है? दरअसल बिहार में एनएच की वास्तविक योजना प्रस्ताव मात्र 1005 करोड़ का है. जिसके विरुद्ध केन्द्र ने 1023 करोड़ की स्वीकृति दी है. राज्य सरकार के एनएच के लिए 3,675 करोड़ के प्रस्ताव में से 2100 करोड़ की मुंगेर-मिरजा चौकी एनएच-80 एनएचएआई को स्थानांतरित कर दी गई है वहीं 570 करोड़ की लागत वाली एनएच-333 अभी डिफेक्ट लायबिलिटी पिरियड के अन्तर्गत है. वहीं, प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 53 हजार करोड़ के सड़क प्रक्षेत्र के पैकेज की सभी योजनाओं पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है.

महात्मा गांधी सेतु की दुर्दशा के लिए पूर्ववर्ती यूपीए सरकार जिम्मेवार है, वर्तमान सरकार ने तो पुल की मरम्मति के लिए 1700 करोड़ की निविदा आमंत्रित किया है. महात्मा गांधी सेतु के समानान्तर गंगा पर नया पुल तथा नौहट्टा में सोन पर पुल के लिए डीपीआर तैयार करने का काम सौंपा जा चुका है. ब्रिज और आरओबी के लिए 5,482 करोड़ का प्रस्ताव अभी केन्द्र के पास विचाराधीन है। ऐसे में केन्द्र पर आरोप मढ़ कर बिहार सरकार राजनीति कर रही है.

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