नई दिल्ली: भारत में एक अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 मानक वाली ही गाड़ियां बिकेंगी। लेकिन पहले से ही जो लोग पहले से ही बीएस-4 गाड़ियां चला रहे हैं उन्हें हटाया या बंद नहीं किया जाएगा. सिर्फ नई गाड़ियां ही बीएस-6 इंजन के साथ आएगी। काफी लोग ऐसे भी हैं जिन्हें बीएस-6 के बारे बहुत अधिक जानकारी नहीं है.
बीएस-6 क्या है ?
और इसके आने से क्या फर्क पड़ेगा हमारे जीवन पर? बीएस-4 की तुलना में यह कितना बेहतर है? इन सब सवालों के जवाब आपको इस रिपोर्ट में मिलेंगे।सबस पहले तो आपको बता देते हैं कि बीएस (BS) का मतलब होता है भारत स्टेज। इसका सीधा संबंध उत्सर्जन मानकों से होता है। दरअसल बीएस-6 इंजन से लैस वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90 फीसदी पीएम 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे इससे नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लग सकेगा। जिसकी वजह से प्रदूषण पर काफी रोक लगेगी।परिवहन विशेषज्ञों और ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक बीएस-6 गाड़ियों में हवा में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे। जिससे वातावरण साफ़ रहेगा। बीएस-6 इंजन से लैस गाड़ियों से (पेट्रोल और डीजल) होने पर प्रदूषण 75 फीसदी तक कम होगा। यह सवाल काफी अहम् है कि बीएस-4 की तुलना में बीएस-6 कितना अलग है। तो यहां हम आपको बता दें कि बीएस-6 में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ काफी कम होंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि बीएस4 और बीएस-3 फ्यूल में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम तक होती है जोकि हमारे लिए काफी खतरनाक है जबकि बीएस-6 में यह सिर्फ 10 पीपीएम तक रह जाती है, यानी प्रदूषण काफी कम होगा।बीएस-6 इंजन से लैस गाड़ियों की कीमत में भी इजाफा होगा क्योकिं बीएस-6 के लिए नया इंजन और इसमें इलेक्ट्रिकल वायरिंग बदलने कॉस्ट बढ़ जायेगी। इतना ही नहीं बीएस-6 से गाड़ियों की इंजन की क्षमता बढ़ेगी जिससे उत्सर्जन कम होगा। जिसकी वजह से कंपनी को गाड़ियों के दाम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा। बीएस-6 गाड़ियां 15 फीसदी तक महंगी होंगी। इतना ही नहीं बीएस-6 फ्यूल (पेट्रोल-डीजल) की कीमत 1.5 से 2 रुपये प्रति लीटर तक महंगी हो सकती है। माइलेज पर पड़ेगा असरबीएस-6 इंजन से लैस नई गाड़ियों की माइलेज पर भी असर पड़ेगा। जी हां नई गाड़ियां ज्यादा माइलेज देंगी। वही माइलेज को लेकर कोई भी वाहन कंपनी माइलेज का झूठा दावा भी नहीं कर सकेगी क्योकिं नियम लागू होने पर कंपनियों को इसका पालन करना होगा।
बीएस-6 गाड़ियों के आने से न केवल गाड़ियां बेहतर होंगी वही प्रदूषण पर भी काफी हद तक रोक लग सकेगी। जिस तरह देश में सड़कों पर लगातार गाड़ियां बढ़ रही हैं उसे देखते हुए बीएस-6 इंजन वाले वाहन काफी उपयोगी साबित होंगे। प्रदूषण कम होगा तो लाइफ कुछ और बेहतर होगी। कुछ और नहीं तो कम से कम खुलकर सांस ही ले सकेंगे।
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