पानापुर: विद्युत् विभाग के कर्मचारियों ने सुरक्षा नियमो की धज्जिया उड़ाते हुये विद्यालय परिसर में हाईवोल्टेज बिजली का पोल गाड़ दिया. मामला प्रखंड के जीपुरा गांव की है. जहा ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है .रविवार को कर्मचारियों ने प्राथमिक विद्यालय के परिसर में ही बिजली का पोल गाड़ दिया. सोमवार को जब विद्यालय खुला तो शिक्षको के साथ-साथ छात्र भी हैरान रह गए प्रधानाध्यापिका कुमारी प्रभावती ने इसकी सुचना बीडीओ को दी. मामले को गंभीरता से लेते हुये बीडीओ शशि भूषण साहू ने तुरंत विद्युत् विभाग के जेई को पोल को विद्यालय से दूर गाड़ने को कहा हालाकि बिजली का पोल अब भो जस का तस है, जेई विवेक कुमार ने बताया कि मजदूरो से पोल उखाड़ने को कह दिया है.

(प्रभात किरण हिमांशु)

जीवन के हर मोड़ पर संघर्ष है. पर संघर्ष जब अपनी पराकाष्ठा पर हो तो वेदना का रूप ले लेता है. संघर्ष कभी सफल होने के लिए होता है तो कभी जीवन यापन के लिए. हर संघर्ष की अपनी ही एक कहानी है.

छपरा के कटहरीबाग की 14 वर्षीया ‘लक्ष्मी’ भी जीवन में कठिन संघर्ष के दौर से गुजर रही है. लक्ष्मी के संघर्ष की कहानी छपरा टुडे की सिर्फ एक रिपोर्ट ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है.

छपरा टुडे #SpecialStory  में हम लक्ष्मी के संघर्ष को आपतक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं.

लक्ष्मी 14 वर्ष की एक छोटी बच्ची है. इस उम्र में जहां लक्ष्मी जैसी बच्चियां पारिवारिक जिम्मेवारियों से मुक्त बचपन का भरपूर आनंद उठती हैं. वहीं लक्ष्मी अपने परिवार की जिम्मेदारियों का वहन करने के लिए छपरा के नगरपालिका चौक पर ठेले पर पकौड़े बेचती है.

लक्ष्मी के पिता श्यामबाबू गुप्ता को माउथ कैंसर है और उनका इलाज चल रहा है. लक्ष्मी की माँ पति की देख-रेख में लगी रहती है. घर की आर्थिक स्थिति बद्तर है. लक्ष्मी अपने छोटे भाई बहन और पिता के इलाज के लिए रोजाना नगरपालिका चौक पर लोगों को गरमागरम पकौड़े बनाकर खिलाती है. जो आमदनी होती है उसी से किसी तरह घर का गुजारा चलता है. लक्ष्मी की छोटी बहन 10 साल की शिवानी भी काम में उसकी मदद करती है.

कई लोग वहां पकौड़े खाने आते हैं. कुछ लोग लक्ष्मी के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं तो कुछ पकौड़े का स्वाद लेकर पैसे देकर चले जाते हैं और लक्ष्मी अपने हाल पर खड़ी अपना दूकान चलाती रहती है. रात को घर जाकर लक्ष्मी पढाई भी करती है और अपने भाई बहनों का ख्याल  भी रखती है. ज्यादा से ज्यादा लोग उसकी दूकान पर आएं उसके लिए लक्ष्मी ने ठेल पर मदद के गुहार की पोस्टर भी लगा रखी है.

नगरपालिका चौक से प्रतिदिन बड़े-बड़े नेता और आलाधिकारी गुजरते हैं. कमोबेस सबकी नजर ठेले पर जाती है पर विकास के दावों का बड़ा-बड़ा भाषण देने वाले नेता लक्ष्मी की इस विवशता पर मौन है.

लक्ष्मी के संकल्प के आगे सभी सरकारी वादे बौने साबित हो रहे हैं. रोजगार के लिए पकौड़े बेचना गुनाह नहीं है. पर लक्ष्मी जैसी बच्ची जिसे इस उम्र में उन्मुक्त गगन के छांव में मासूम बचपन का पूरा आनंद लेना था वो आज दो वक्त के रोटी की जुगाड़ और पिता के इलाज के लिए पकौड़े बेच रही है.

छपरा टुडे #SpecialStory के माध्यम से आपसे आग्रह करना चाहता है कि आप इस छोटी बच्ची की मदद में आगे आएं. लक्ष्मी को जरूरत है समाज के उन रक्षकों की जो बचपन की मासूमियत और भावनाओं को समझते हैं. वैसे लोग जिन्हें ख्याल है देश के बच्चों का. इतनी छोटी उम्र में लक्ष्मी के इस मजबूत हौसले को हमारा पूरा सपोर्ट है.

पानापुर: प्रखंड के एक विद्यालय में पदस्थापित नियमित शिक्षक को प्रभार मांगना महंगा पर गया. प्रभारी प्रधानाध्यापिका के पति ने उलटे उन्हें जानमारने की धमकी दे डाली. भयभीत शिक्षक ने स्थानीय थाना में आवेदन देकर अपने जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई है. मामला प्रखंड उत्क्रमित मध्य विद्यालय मिठौरा की है. पुलिस को दिए आवेदन में शिक्षक नागेन्द्र प्रसाद ने लिखा है कि वरीय शिक्षक होने के चलते बीईईओ एव बीड़ीओ को आवेदन देकर मैंने प्रभार दिलवाने की मांग की थी. इसी से बौखलाए प्रधानाध्यापिका विभा कुमारी के पति विकास कुमार सिंह जो खुद एक शिक्षक है एवं दूसरे विद्यालय में पदस्थापित है मुझे जान मारने की धमकी दिये. इस सबंध में थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रभार को लेकर विवाद है. वहीँ विकास कुमार सिंह ने मामले को निराधार बताया.

छपरा: आगामी 1 अप्रैल से प्रदेश में शराब बंदी को लेकर राज्य सरकार ने कमर कास ली है. शराब बंदी अभियान का जिम्मा सरकार द्वारा जन शिक्षा निदेशालय, पटना को दिया गया है. निदेशालय के निर्देशानुसार सोमवार को शिक्षा विभाग के साक्षरता शाखा द्वारा जिला स्कूल परिसर में  केआरपी एवं कार्यक्रम समन्यवक की बैठक आयोजित की गयी. बैठक को संबोधित करते हुए डीपीओ साक्षरता दीलीप कुमार ने कहा कि आगामी 10 से 15 फरवरी तक दिवाल लेखन कर नशा विमुक्ति अभियान के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.

जिले के सभी पंचायतों में टोला सेवक, तालिमी  मरकज एवं प्रेरक द्वारा सभी सरकारी कार्यालयों, भवनों पर जागरूकता के लिए शराब विमुक्ति स्लोगन लिखा जायेगा. जिससे लोग शराब विमुक्ति के प्रति जागरूक हो सकें. बैठक में यसवंत कुमार, संजय कुमार, अश्विनी कुमार आदि मौजूद थे.

मुजफ्फरपुर: लालगढ़ से डिब्रुगढ़ जा रही (15610) अवध असम एक्सप्रेस के दो डिब्बे मुजफ्फरपुर जंक्शन के पश्चिमी छोर पर पटरी से उतर गए. हालाकि इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. जानकारी के अनुसार अवध असं एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ी हो रही थी.12695225_1714521255501170_550898790_o

इसी दौरान ट्रेन की अंतिम दो डिब्बे पटरी से उतर गए. डिब्बे पटरी से उतार कर प्लेटफॉर्म के कुछ हिस्से पर चढ़ गए. इस दुर्घटना से जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 और 4 पर परिचालन बंद हो गया.

परेशान यात्री
परेशान यात्री

रेलवे द्वारा दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को अलग कर ट्रेन को आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया. दुर्घटना की सूचना पर सोनपुर DRM भी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया.

रद्द रही बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस

इस दुर्घटना से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया.

गरा: प्रखंड के मानपुर खेल के मैदान में एटीए क्रिकेट क्लब द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में हरेरामपुर क्रिकेट क्लब तथा गोपालपुर क्रिकेट क्लब के बीच मैच खेला गया. गोपालपुर की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 16 ओवर में 102 रनों का स्कोर खड़ा किया. हरेरामपुर की टीम ने नौ विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. एक विकेट से जीतकर गोपालपुर क्रिकेट क्लब ख़िताब अपने नाम कर लिया. मैन ऑफ़ द मैच धन्नजय को दिया गया. खले प्रेमियों को दोनों टीमों की ओर से जबरदस्त और शानदार खेल देखने को मिला. इस मैच में अंपायर नेयाज खाँ, अजउद्दीन खाँ और कमेंट्री प्रोफेसरअसलम खाँ ने की. 

इससे पूर्व मैच का उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डॉ द्विजेन्द्र प्रसाद राय व इसरार अहमद खाँ ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया. इस मौके पर प्रदीप कुमार सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, मसकुर अहमद खाँ, संतोष कुमार, जमाल अख्तर, असरुद्दीन मिया, गुड्डू खाँ आदि सैकड़ों खेलप्रेमी मौजूद थे.

छपरा: रॉयल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन रविवार को शहर के पुलिस लाइन के मैदान में टी-20 मैच नई बाजार की टीम और कट्सा सलेमपुर की टीम के बीच खेला गया. मैच में शुरू से ही उतार-चढ़ाव जारी रहा. मैच में दोनों ही टीम द्वारा शानदार प्रदर्शन देखने को मिला. अंततः नई बाजार की टीम ने 5 विकेटों से जीत हासिल किया. नई बाज़ार की टीम की ओरे से शानदार बल्लेबाजी कर 44 रन की पारी खेलने वाले छोटू कुमार को मैन ऑफ द मैच के ख़िताब से नवाजा गया.

वही इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजद के नगर अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने विजयी टीम के खिलाड़ियो को शील्ड देकर सम्मानित किया. मैच के दौरान सैकड़ों खेल प्रेमी भी थे मौजूद.

मांझी: थाना क्षेत्र के दुर्गापुर गाँव में चोरों ने लगभग पच्चास हजार रुपये की चोरी कर ली. प्राप्त जानकारी के अनुसार गाँव के नन्द कुमार चौधरी के यहाँ चोरों ने देर रात घुसकर ताला तोड़ कर लगभग 50 हजार रूपये के सामान की चोरी कर ली.

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की.

छपरा: शिव भोला शंकर वैलफेयर क्लब, छपरा की बैठक राम जानकी मंदिर सोनारपट्टी में संस्था के अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई. संस्था के अध्यक्ष ने बताया अमरनाथ यात्रियों के लिए संस्था द्वारा 28 फरवरी से पंजीकरण प्रारंभ कर दिया जाएगा. अमरनाथ यात्रियों द्वारा 19 जून (रविवार) को नगर भ्रमण मोटर साईकिल जुलूस निकाला जाएगा.

अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था 03 जुलाई (रविवार) को मौर्यध्वज एक्सप्रेस से रवाना होगा. अमरनाथ यात्रियों का दूसरा जत्था 17 जुलाई (रविवार) को मौर्यध्वज एक्सप्रेस से जाएगा. अमरनाथ यात्रा के लिए 25 जून तक संस्था द्वारा पंजीकरण कराया जाएगा. बैठक में राजेश कुमार द्वारा पिछले वर्ष का आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थित सदस्यों ने सराहना की.

बैठक के पश्चात अमरनाथ यात्रियों के लिए महा प्रसाद का आयोजन संस्था द्वारा किया गया जिसमें सैकड़ो श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.

बैठक में सचिव पप्पू चौहान, राजेश कुमार, सुधीर सिंह, लाल बाबू राय, दिलीप कुमार गुप्ता, मंटू बाबा, विकास कुमार, अजय राय, टिल्लू दादा, ओमप्रकाश गुप्ता, बाल किशन खेतान, रणजीत कुमार, मोहन जी, गुड्डू जी, सिपू कुमार आदि उपस्थित थे.

पटना: बिहार विधानसभा का स्थापना दिवस समारोह आज और कल मनाया जायेगा. दो दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी समेत विधानसभा के सदस्य उपस्थित थे.

इस दौरान सदन में चुन कर आए माननीयों के लिए भी खास तौर पर उदबोधन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें दो बड़े संविधान ज्ञाता विधायकों को विधायी कार्यों के बारे में बताएंगे.

आज (7 फरवरी) स्थापना दिवस और 8 फरवरी को विधानमंडल के सदस्यों का उदबोधन कार्यक्रम होगा. इस बार विधानसभा में 98 से 99 सदस्य पहली बार आये हैं. ऐसे में उन सदस्यों को विधानसभा की बारिकीयों से अवगत कराने के लिए दो खास मेहमान सुभाष कश्यप और जीसी मल्होत्रा को खास तौर पर इस समारोह में बुलाया गया है.

बिहार विधानसभा की स्थापना 7 फरवरी 1931 को हुई थी. आज विधानसभा भवन 95 साल का हो गया. ऐसे में पहली बार बड़े पैमाने पर समारोह का आयोजन हो रहा है.

लंदन: एक वेबसाइट पर जारी सूचना के मुताबिक एक जापानी दुभाषिये ने इस बात की पुष्टि की है कि 1945 में एक विमान दुर्घटना के बाद सुभाष चंद्र बोस की ताईपे में एक सैन्य अस्पताल में मौत हुई.

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आखिरी दिनों को बयां करने के लिए शुरू की गई वेबसाइट http://www.bosefiles.info/ के मुताबिक बोस के साथ 1943 से 1945 के बीच दुभाषिये रहे काजुनोरी कुनीजुका अभी तक जीवित हैं. कुनीजुका ने 18 अगस्त 1945 को ताईपेई में एक विमान दुर्घटना के परिणामस्वरूप उनकी मौत होने के बारे में अपनी डायरी में बोस के आखिरी दिनों का ग्राफिक ब्योरा लिखा है.

सनकेई शिमभुन अखबार के लंदन संवाददाता नोबुरू ओकाबे ने वेबसाइट को इस बात से अवगत कराया. उन्होंने डायरी की प्रति भी वेबसाइट को सौंपी है. बोस के पोते और वेबसाइट बनाने वाले आशीष रे ने बताया, ‘डायरी जापानी भाषा में है. हम इसे अनुवाद कराएंगे और आने वाले समय में इसके प्रासंगिक अंशों को जारी करेंगे.’

ओकाबे के मुताबिक कानीजुका 98 साल के हैं और जापान के कोबे में एक वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं. ओकाबे उनसे मिले और यह सत्यापित किया कि विमान हादसे के बाद ताईपेई में जापानी सैन्य अस्पताल में बोस की मौत हुई थी.

इससे पहले जब रे ताईपेई गए थे तब वह कैप्टन केइकीची के बेटे युकीची अरई से मिले थे. वह जापानी सेना के एक अधिकारी थे. वह बचे हुए उन सात लोगों में शामिल थे जो दुर्घटनाग्रस्त होने वाले विमान में सवार थे. हालांकि, उन्होंने अपनी डायरी में यह भी लिखा है कि बोस के दुर्घटना में घायल होने के बाद मौत हुई थी.

इसमें उल्लिखित बातों के मुताबिक ताईपे से विमान के उड़ान भरने के शीघ्र बाद जापानी बमवषर्क विमान ने फौरन ही नियंत्रण खो दिया और यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 

कला के कई आयाम होते हैं. कभी कला जीवनयापन का माध्यम बनती है, तो कभी इंसान अपनी आत्मा को संतुष्ट करने के लिए कला को ही आधार बनाता है. समाज के उत्थान में भी कला महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हर व्यक्ति आज कला से किसी न किसी रूप से जुड़ना चाहता है. कुछ लोग कला का उपयोग मनोरंजन के लिए करते हैं, तो कुछ कला को हथियार बनाकर सामाज में व्याप्त बुराइयों पर प्रहार करते हैं.

कला के अनेकों प्रकार हैं और आज भी कला क्षेत्र में आगे बढ़ने के कई अवसर हैं. हमारे देश में कलाकारों को प्रोत्साहित करने हेतु कई योजनाएं हैं. किन्तु हमारे देश की सरकारी व्यवस्था से संघर्षरत कलाकारों को उन्नत विकास के लिए कोई समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.

देश के जनप्रतिनिधि चुनावी भाषणों में भविष्य के भारत का जिस प्रकार व्याख्यान  करते है वो सिर्फ सुनने में ही अच्छा लगता है. पर एक कलाकार कला के विभिन्न माध्यमों से जिस प्रकार ज्वलंत मुद्दे को प्रदर्शित करते है वो वाकई प्रशंसनीय होता है.

छपरा टुडे #साक्षात्कार की इस कड़ी में आपका परिचय एक ऐसे ही युवा चित्रकार से करने जा रहा है जिसने अपने क्रिएटिव चित्रकारी से भारत के भविष्य की जो परिकल्पना की है वो अकल्पनीय है. इनका मानना है कि पेंटिंग सिर्फ घर में सजावट के काम नहीं आती बल्कि चित्रकला से चित्रकार वैसे ज्वलंत मुद्दों को प्रदर्शित करते हैं जो देश और समाज को प्रेरित करता है.

प्रस्तुत है अपनी अद्भुत चित्रकला के माध्यम से भारत के भविष्य का अविस्मरणीय चित्रण कर कला क्ष्रेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयत्नशील सारण (छपरा) के रवि रंजन कुमार से हुई छपरा टुडे प्रतिनिधि प्रभात किरण हिमांशु से बातचीत के अंश: 

 

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रवि रंजन कुमार

छपरा टुडे: चित्रकला में आपकी रूचि कब से हुई?

रविरंजन: मेरे पिता जी और दादा जी लेटर राइटिंग और साइनबोर्ड बनाते थे. बचपन में उन्हें काम करता देख मेरे मन में भी पेंटिंग बनाने की उत्सुकता हुई. साइन बोर्ड बनाते-बनाते मेरे अंदर चित्रकला में कुछ नया क्रिएशन करने की भावना उत्पन्न हुई.

छपरा टुडे: एक उन्नत चित्रकार बनने की दिशा में आपने क्या-क्या प्रयास किये?

रविरंजन: सबसे पहले तो मैंने एक गुरु की तलाश की. मेरे गुरु छपरा के प्रसिद्ध चित्रकार ‘मेहदी शॉ’ जिन्होंने मुझे चित्रकला की बारीकियां सिखाई. उन्ही से प्रेरणा लेकर मैंने इस कला को आत्मसात किया और चित्रकला के क्षेत्र में बेहतर करने का संकल्प किया.

छपरा टुडे: अपने कैरियर को आगे बढ़ाने में आपको कितनी कठिनाइयां हुई?

रविरंजन: मेरे पिता साइनबोर्ड बनाते थे और उसी से हुए आमदनी से हमारा घर चलता था. पर्याप्त आमदनी के आभाव में जीवन में आगे बढ़ने में काफी परेशानी हुई. जैसे-तैसे पैसे का जुगाड़ कर पढाई की और साथ में पेंटिंग भी सीखी. आज भी तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए कला क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत हूँ. अपनी जीविका चलाने के लिए मैं वाहनों पर लगने वाले नंबर प्लेट बनाता हूँ. 

 

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छपरा टुडे: आपको चित्रकला के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में परिवार का कितना योगदान रहा?
रविरंजन: मेरे परिवार के लोगों ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया है. मेरे पिता श्री चन्द्रिका चौधरी और मेरे बड़े भाई ने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया. चित्रकला की प्रदर्शनी लगाने में भाई और दोस्तों ने काफी आर्थिक मदद की.

छपरा टुडे: आपने चित्रकला के क्षेत्र में कौन सा क्रिएशन किया है?
रविरंजन: मुझे हमेशा ही कुछ अलग थीम पर काम करने की इच्छा रही थी. मैंने ‘कोलाज’ (वेस्टेज पेपर) से कई क्रिएशन किए हैं. 500 साल पहले के बनारस घाट और आने वाले 100 साल बाद के बनारस घाट को अपनी सोंच से मैंने चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया है. मेरे द्वारा बनाई गई कोलाज पेंटिंग में ओशो, मदर टेरेसा की पेंटिंग खास है. मैंने ‘रेडियम वर्क’ से भी कई क्रिएटिव पेंटिंग बनाए हैं.

छपरा टुडे: आप कहाँ-कहाँ चित्रकला के प्रदर्शनी में शामिल हुए हैं?
रविरंजन: मेरी चित्रकला तक्षशीला आर्ट गैलरी, गैलरी आर्टिक विज़न (मलाड),  तानसेन कला वीथिका (ग्वालियर), जवाहर कला केंद्र जयपुर, ललित कला अकादमी (नई दिल्ली) जैसे प्रमुख जगहों पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शनियों में सम्मिलित हुई है.

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रद्दी कागज से बनायीं गयी पेंटिंग

छपरा टुडे: आपके प्रेरणा स्त्रोत कौन हैं?
रविरंजन: मेरे गुरु मेहदी शॉ के अलावा एम.एफ.हुसैन, पिकाशो और हेनरी मतिस ने मुझे काफी प्रभावित किया है. 

छपरा टुडे: हमारे माध्यम से कोई सन्देश लोगों को देना चाहेंगे?
रविरंजन : कोई भी कला शुरुआत में सपने की तरह दिखती है, पर कड़ी मेहनत और निरंतर अभ्यास से हर कला को आत्मसात किया जा सकता है. हर काम को जूनून से करना चाहिए. paintings ravi kumar

छपरा टुडे: हमारी पूरी टीम की तरफ से आपको शुभकामनाएं!
रविरंजन :जी, धन्यवाद!

साक्षात्कार की इस श्रृंखला में हमने आपका परिचय छपरा के दहियांवा, ब्राह्मण टोली निवासी 26 वर्षीय रविरंजन कुमार से कराया. रविरंजन चित्रकला के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प हैं. तमाम कठिनाइयों और खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद रविरंजन ने अपने चित्रकला के जूनून को बरकरार रखा है. सरकार द्वारा कोई खास प्रोत्साहन नहीं मिलने के बावजूद भी रविरंजन अपने आत्मबल से चित्रकला में लगातार क्रिएशन करते आ रहे हैं. छपरा टुडे डॉट कॉम की पूरी टीम की तरफ से सारण के इस उभरते चित्रकार को हार्दिक शुभकामनायें.