इसुआपुर: स्थानीय थाना क्षेत्र के चकहन गांव में पानी मे डूबने से 2 वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. घटना के बाद से परिवार में मातम है. घटना को लेकर बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह चकहन पूरब टोला निवासी जोगिंदर राय का 2 वर्षीय पुत्र घर से बाहर खेलने के लिए निकला. काफी देर तक घर के अंदर नही जाने पर उसकी खोजबीन शुरू हुई. कुछ समय बाद खोजबीन के दौरान ही उसका शव घर के बगल में पाया गया. शव के मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि घर के चारों तरफ बाढ़ का पानी जमा है. जिसमे डूबने के कारण बच्चें की मौत हो गयी. विदित हो कि प्रखंड के छपियाँ, जैथर, अगौथर, चकहन, केरवा, रामपुर अटौली पंचायत के साथ अन्य पंचायतों के कई गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न है.

विगत सप्ताह अगौथर पंचायत में बाढ़ के पानी मे नाव डूबने से 2 लोगों की मौत हो गयी थी. इसके पूर्व प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ के पानी मे डूबने से कई लोगों की मौत हो चुकी है.

New Delhi: संसद के मॉनसून सत्र को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के बीच मॉनसून सत्र के शुरू होने के संकेत मिले है.

संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक संसद का मॉनसून सत्र को चलाने का प्रस्ताव रखा है.

मार्च में कोरोना संकट के बढ़ जाने के बाद पहली बार सदन की कार्यवाही होगी.

इसुआपुर: प्रखण्ड के अचितपुर विद्यालय में मंगलवार को प्रमुख प्रतिनिधि अजय राय, आत्मा अध्यक्ष विजय राय, स्वास्थ्य समति के अध्यक्ष मुकेश चौरसिया, प्रखण्ड निगरानी समिति के अध्यक्षय सह उप प्रमुख संतोष साह ने अंचलाधिकारी पुष्कल कुमार के साथ बैठक कर बाढ़ पीड़ितों को 6000 रुपए जल्द से जल्द बैंक खातों में डालने पर जोर दिया गया. प्रमुख प्रतिनिधि ने अन्य कई समस्यों के निराकरण के लिए भी वार्ता की.

प्रमुख प्रतिनिधि अजय राय ने बताया कि कुछ जनप्रतिनिधि अपने निजी सवार्थ और वोट बैंक की राजनीति कर रहे है, जिससे आम जन को इस संकट में काफी कठिनाईयो का सामान करना पड़ रहा है.

प्रमुख प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ पक्षपात नही होना चाहिए और जो भी परिवार प्रखण्ड अंतर्गत बाढ़ से प्रभावित है, उन्हें जी.आर. की राशि प्राप्त कराना पदाधिकारियो की प्राथमिकता होनी चाहिए.

श्री राय ने कहा कि बाढ़ राहत राशि दिलाने को लेकर बिचौलिए सक्रिय है. जिनसे पीड़ितों को बचने और पदाधिकारियों को भी जांच पड़ताल के बाद पीड़ित को राशि देने की मांग की.

श्री राय ने कहा कि जो भी परिवार बाढ़ से प्रभावित है, अपना नाम सूची में दर्ज कराए और सूची को अपने स्थनीय मुखिया, समिति या वार्ड से सत्यापित करें. यह सभी प्रक्रियाएं निःशुल्क है.

Chhapra: जलमार्ग विकास परियोजना के तहत हल्दिया-वाराणसी के 1390 किमी के खण्ड पर सोनपुर प्रखण्ड अंतर्गत कालूघाट इंटरमोडल टर्मिनल का निर्माण कराया जायेगा. जहॉं एकीकृत जलयान मरम्मत और रख-रखाव की सुविधा, डिफ्रेशियल ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम एवं नदी संरक्षण कार्य शामिल है. इसके लिए 13.17 एकड़ भूमि का अधिग्रहण सोनपुर के मुरथान एवं परमानंदपुर मौजा में करते हुए संबंधित विभाग को दखल कब्जा दिलाने की कार्रवाई की जा रही है. निर्धारित दर के अनुरूप दोनों मौजों का प्राक्कलन की स्वीकृति सक्षम प्राधिकार से प्राप्त कर पंचाट घोषित करते हुए मुआवजा नोटिस निर्गत कर दिया गया है.

जिलाधिकारी द्वारा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को तेजी से संबंधित रैयतों को मुआवजा भुगतान करने हुए एक माह के अंदर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया संपन्न करने का निदेश दिया गया है. उक्त परियोजना का मुख्य उद्देश्य कोलकाता से बिहार एवं नेपाल तक माल को जलमार्ग के माध्यम से परिचालन कराना है. जिससे कम खर्च में मौजूदा व्यस्त सड़क, रेलमार्ग एवं हवाई मार्ग में भीड़-भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी. इस टर्मिनल का निर्माण कंटेनर कार्गो के परिवहन के लिए किया जायेगा.

इसके साथ ही सोनपुर प्रखण्ड के डुमरी बुजुर्ग में एसएसबी फ्रंटियर मुख्यालय के निर्माण हेतु 45.29 एकड़ भूमि के प्रस्ताव का अनुमोदन आयुक्त, सारण प्रमण्डल द्वारा करते हुए पंचाट घोषित कर दिया गया है. जिसमें लगभग 28 करोड़ का भुगतान संबंधित रैयतों को मुआवजे के रूप में किया जायेगा. उक्त मुख्यालय के बनने से तकनीकी रूप से विकसित अर्द्धसैनिक बल के माध्यम से सारण ही नहीं बल्कि पूरे बिहार राज्य को आंतरिक सुरक्षा मिलेगी. जिससे पूरे क्षेत्र का सुरक्षा के दृष्टिकोण से सर्वांगीण विकास होगा.

लगभग 1.5 वर्षों से उक्त दोनों परियोजनाओं हेतु सारण जिलाधिकारी लगातार प्रयत्नशील थे तथा उनके द्वारा विभागीय प्रक्रिया, वास्तविक रैयतों को चिन्हित् करने, आपत्तियों का निराकरण एवं संबंधित विभागों से पत्राचार कर उक्त दोनों परियोजनाओं की सभी प्रक्रिया संपन्न करायी गयी है तथा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को संबंधित रैयतों को एक माह के अंदर मुआवजा भुगतान कर सभी प्रक्रियाओं को समाप्त करने का निदेश दिया गया है. इसके पश्चात् अतिशीघ्र संदर्भित दोनों परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा.

Chhapra: मशरख थाना परिसर में मुहर्रम पर्व को शांति पूर्ण रूप से मनाये जाने को लेकर शांति समिति की बैठक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं पुलिस अधीक्षक धुरत सायली सावलाराम के द्वारा की गयी. इस बैठक में मशरख, पानापुर तरैया तथा इसुआपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी तथा थाना प्रभारी सहित इन अंचलों के अखाड़ा समिति के सदस्यगण उपस्थित थे.

शांति समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड एवं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा मुहर्रम पर्व पर जारी अपील का सभी लोग अनुपालन करेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर राज्य सरकार द्वारा 6 सितम्बर तक के लिए अनलॉक-3 को विस्तारित किया गया है. इस अवधि में सभी धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए बंद रखा गया है तथा किसी भी तरह के धार्मिक जमावड़े को प्रतिबंधित किया गया है.

जिलाधिकारी ने कहा कि धार्मिक अवसरों पर लोगों का सार्वजनिक स्थलों या धार्मिक स्थलों पर इकट्टा होना प्रतिबंधित है. इस वर्ष मुहर्रम का पर्व 30 अगस्त 2020 को मनाये जाने की सूचना है. इसको लेकर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार राज्य षिया वक्फ बोर्ड, पटना तथा मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड पटना के द्वारा कोरोना संकट के समय अनलॉक-3 के गाईड लाईन का पुर्णतः पालन करते हुए मुहर्रम पर्व मनाये जाने के संबंध में अपील भी जारी की गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि मुहर्रम के अवसर पर अलम, ताजिया, सिपर अथवा अखाड़े का कोई जुलूस नहीं निकाला जायेगा. शस्त्र प्रदर्षन भी नही होगा तथा लाउडस्पीकर अथवा डीजे का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा. किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ताजिया नही रखा जायेगा तथा अखाड़े का आयोजन भी नही किया जायेगा. जिलाधिकारी ने कहा कि इमामबाड़ा में उसके प्रबंध समिति के सदस्यगण सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपस्थित रह सकते हैं. लोग अपने घरों में अपने परिवार के सदस्यों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस पर्व को मनायेंगे.

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कोवडि-19 के समय पर्व-त्योहार के अवसर पर क्या करना है और क्या नही करना है इसे युवा वर्ग के लोगों को बताया जाय ताकि किसी को कोई भ्रम नहीं रहे. आखाड़ा समिति के उपस्थित सदस्यगण के द्वारा मुहर्रम पर्व को शांति पूर्ण रूप से मनाये जाने को लेकर सहमति व्यक्त की गयी. बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी मढ़ौरा विनोद कुमार तिवारी भी उपस्थित थे.

Chhapra: जैसे-जैसे जिले कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते गये, वैसे-वैसे जिले में जांच का दायरा भी बढ़ता गया। हाल यह है कि अब जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से तेजी से जांच होने लगी है। यही कारण है कि अब कोविड-19 के जांच के लिए लोगों को दूर-दराज कहीं जाना नहीं पड़ रहा है, बल्कि आसानी से अपने नजदीकी किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करा रहे हैं। इससे आम जनता को काफी सहुलियत हुई है। यह जांच मरीजों के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर पूरी तरह से नि:शुल्क है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में रैपिड एंटीजन कीट के माध्यम से जांच के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य केंद्र में सैम्पल कलेक्ट करने और उसकी जांच करने को लेकर दो स्वास्थकर्मी पीपीई किट में मुस्तैद रहकर तमाम सावधानियों के साथ सैम्पल कलेक्ट करते हैं।

जांच के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ता
रिविलगंज प्रखंड के कचनार निवासी डॉ. बीएन यादव कहते हैं कि पहले कोरोना के जांच के लिए काफी परेशानी होती थी। जांच के लिए छपरा सदर अस्पताल जाना पड़ता था। वहां सैंपल लेकर पटना भेजा जाता था। रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से अधिक समय लग जाता था। लेकिन अब कोरोना की जांच में तेजी आयी है और आसानी से जांच हो रही है। रैपिड एंटिजन किट से आधा घंटे में ही रिपोर्ट का पता चल जा रहा है। इससे काफी सहुलियत हो रही है। सरकार की इस पहल से कोरोना संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाना संभव हो सकेगा।

आसानी से मिल रही है जांच रिपोर्ट
छपरा शहर के ब्रहम्पुर निवासी इंद्रजीत कुमार का कहना है कि रैपिड एंटिजन किट से कोरोना जांच रिपोर्ट में तेजी आयी है और जांच रिपोर्ट भी समय से मिल रही है। जिससे लोगों को पता चल रहा है कि कौन पॉजिटिव है कौन निगेटिव। रिपोर्ट जल्द मिलने लोगों को सहुलियत हो रही है और जो पॉजिटिव है वह तुरंत चिकित्सीय परामर्श के अनुसार आईसोलेट हो रहे है। जिससे संक्रमण के प्रसार पर रोक लग रहा है। वहीं आरटी-पीसीआर में रिजल्ट आने में 6 से 24 घंटे लग जाते हैं। तब तक तो संक्रमित व्यक्ति को पता नहीं होता कि वो पॉजिटिव है और वो कई लोगों के संपर्क में आ चुका होता है। रैपिड एंटीजन में आधे घंटे के अंदर ही रिपोर्ट सामने आ जाती है, ऐसे में शख्स को तुरंत आइसोलेट किया जा सकता है।

पंचायत स्तर पर हो रही है जांच
मोहब्बत परसा पंचायत के मुखिया रेखा मिश्रा ने बताया अब तो पंचायत स्तर पर भी कैंप लगाकर कोरोना की जांच की जा रही है। जिससे ग्रामीणों को अब दूर नहीं जाना पड़ रहा है। इसको लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। वह खुद गांव-गांव में ग्रामीणों को इसके प्रति जागरूक भी कर रही हैं। यह जानकारी दे रहीं है कि अगर कोई लक्षण दिख रहा है तो तुरंत जाकर अपना जांच करा लें। ताकि अपना और अपना परिवार की सुरक्षा खुद कर सकें। लोगों में इसके प्रति जागरूकता भी आयी है तथा कैंप में पहुंचकर अपना जांच खुद करा रहें है।

Chhapra: कोरोना संक्रमण काल में कई स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं. यद्यपि, कोरोना रोकथाम के साथ इन स्वास्थ्य कार्यक्रमों को नियमित करने में राज्य के समस्त स्वास्थ्य कर्मीयों की भूमिका काफ़ी अहम रही है. संक्रमण के कारण स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गति में आयी कमी को पुनः कायम करने के लिहाज से 16 सितंबर से 29 सितंबर तक सघन डायरिया नियंत्रण कार्यक्रम, कृमि मुक्ति कार्यक्रम एवं विटामिन ए अनुपूरण पखवाड़े का संयुक्त रूप से आयोजन किया जा रहा. उक्त बातें राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने मंगलवार को आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार में कही.

कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि बिहार में नवजात मृत्यु दर एवं अंडर-5 (5 साल के कम उम्र के बच्चे) मृत्यु दर में कमी आयी है. लेकिन अभी भी वांछित कमी नहीं हो सकी है. इस दिशा में इन तीनों कार्यक्रमों का एक साथ आयोजन एक सकारात्मक पहल साबित होगा. उन्होंने बताया कि इन तीनों कार्यक्रमों के एक साथ आयोजन करने से अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा बेहतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सकेगी. कोरोना संक्रमण काल में आशा द्वारा घर-घर जाकर जागरूकता फैलाई जा रही है. इन तीनों कार्यक्रमों को एक साथ आयोजित करने से आशा गृह भ्रमण के दौरान ही कार्यक्रम से संबंधित सेवाएं भी प्रदान कर सकेगी. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर आशाएं एलबेंडाजोल की दवाओं को चूरकर अपने सामने अभिभावक द्वारा खिलाया जाना सुनिश्चित कराएगी. उन्होंने तीनों कार्यक्रमों में सम्मिलित विभागों एवं सहयोगी संस्थाओं से कार्यक्रम को सफ़ल बनाने की भी अपील की.

पांच साल से कम आयु वर्ग में होने वाले कुल मौतों में 9.2% बच्चों की डायरिया से होती है मौत 
राज्य शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वीपी राय ने बताया कि पाँच साल से कम आयु वर्ग में होने वाले कुल मौतों में 9.2% बच्चों की मृत्यु डायरिया के कारण हो जाती है. इस लिहाज से 16 सितंबर से 29 सितंबर तक चलने वाला सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा काफ़ी महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने बताया कि पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य डायरिया से होने वाली मौतों को शून्य करना है. डायरिया से होने वाले सभी मौतों को ओआरएस एवं जिंक की सहायता से रोका जा सकता है. इसलिए पखवाड़े के दौरान ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा. उन्होंने बताया डायरिया से सुरक्षा, इसकी बेहतर रोकथाम एवं ईलाज के जरिए डायरिया से होने वाली मौतों पर लगाम लगायी जा सकती है. उन्होंने डायरिया से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए 6 माह तक केवल स्तनपान, 6 माह के बाद संपूरक आहार की शुरुआत एवं विटामिन ए अनुपूरण को महत्वपूर्ण बताया. वहीं टीकाकरण( मीजिल्स टीका एवं रोटावायरस), साबुन से नियमित हाथ साफ़ करने, शौच के लिए शौचालय का इस्तेमाल करना एवं एचआईवी से सुरक्षा को डायरिया के रोकथाम के लिए उपयोगी बताया. डायरिया के उपचार के लिए उन्होंने ओआरएस एवं जिंक के इस्तेमाल को सबसे प्रभावी बताया. उन्होंने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े में केयर इण्डिया, पिरामल फाउंडेशन एवं यूनिसेफ द्वारा सहयोग किया जा रहा है. साथ ही आईसीडीएस, शिक्षा विभाग एवं पंचायती राज आदि विभाग भी इसे सफ़ल बनाने में सहयोग करेंगे.

वर्ष 2030 तक अंडर-5 मृत्यु दर को 25 एवं नवजात मृत्यु दर को 12 करने का लक्ष्य

यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सैय्यद हुबे अली ने बताया एसडीजी( सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) लक्ष्य के मुताबिक बिहार को वर्ष 2030 तक अंडर-5 (पांच साल से कम आयु के बच्चों) मृत्यु दर को 25 एवं नवजात मृत्यु दर(प्रति 1000 जीवित जन्म) को 12 करने का लक्ष्य प्राप्त है. इस लिहाज से लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य को प्रतिवर्ष 5.9% की कमी लानी होगी, जो अभी फिलाहल राज्य में नहीं है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बच्चों एवं नवजातों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए टीकाकरण, नवजातों में संक्रमण की रोकथाम , स्तनपान को बढ़ावा, बेहतर साफ़-सफाई, विटामिन ए अनुपूरण एवं दस्त नियंत्रण काफी प्रभावी है.

कृमि मुक्ति के लिए 3.8 करोड़ दवाएं हुयी प्राप्त
वेबिनार के दौरान बताया गया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 16 सितम्बर से 29 सितम्बर तक राज्य के 25 जिलों में 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी जाएगी. इसके लिए एलबेंडाजोल की 3.8 करोड़ दवाएं बीएसएमआईसीएल से प्राप्त हुयी है. साथ ही गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 माह से 5 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को विटामिन ए सिरप की खुराक पिलाना भी सुनिश्चित करेगी. इसके लिए आशा पहले विटामिन ए सिरप के साथ उपलब्ध चम्मच में खुराक डालने के बाद उक्त लाभार्थी के चम्मच में खुराक डालकर संबंधित परिवार के द्वारा ही चम्मच से बच्चों को अनुपूरण सुनिश्चित कराएगी.

Chhapra: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिहार विभूति बी.पी मण्डल की 102वीं जयंती रामजयपाल कॉलेज परिसर स्थित लक्ष्मीनारायण यादव अध्ययन केन्द्र में मनायी गयी.

जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए जे.पी. विश्वविद्यालय के कुलसचिव सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण ने कहा कि बी पी मण्डल ने इस देश के करोड़ों-करोड़ शोषित, पीड़ित, अभिवंचित पिछड़ों को समाज में गरिमापूर्ण ढंग से जीवन यापन करने के लिए एक ऐसा विधि सम्मत अवसर प्रदान किया है, जिससे आप हम भारत सरकार की नौकरियों में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व देख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञान का क्षेत्र निश्चित रूप से प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र है, परन्तु विशेषाधिकार प्राप्त लोग उन्हें गरीबों-पिछड़ों से छीनते रहे हैं किंतु मण्डल की सिफारिशों के बाद अब सामाजिक, राजनैतिक और नौकरशाही में अमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है. उन्होंने जे पी विश्वविद्यालय की कई समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं.

जयंती समारोह के आयोजक-संयोजक विधान पार्षद प्रो वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि आरक्षण एक ऐसा हथियार है जिसने विकास की धारा में पिछड़ गए लोगों के लिए मुक्ति का मार्ग खोल दिया है. डॉ लाल बाबू यादव ने कहा कि उत्तर भारत के हिन्दी भाषी क्षेत्र में राज्य के मुख्यमन्त्रियों एवं नौकरशाही के बड़े पदों पर अगर दलित-पिछड़े देखे जा रहे हैं तो यह बी पी मण्डल के मिशन का ही प्रभाव है.

इस अवसर पर एक प्रस्ताव पारित कर निजी क्षेत्रों के नौकरियों में भी आरक्षण का प्रावधान लागू करने के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया. एक अन्य प्रस्ताव के द्वारा उच्चतम न्यायालय के अवमानना का दंश झेल रहे देश के प्रख्यात विधिवेत्ता प्रशान्त भूषण के प्रति एकजुटता प्रकट की गई और उनके विचारों से पूर्ण रजामंदी जाहिर की गई. एक अन्य प्रस्ताव में सिवान जिला के चैनपुर में स्थापित बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की तीव्र भर्त्सना की गई और प्रशासन से इस पर कानूनी कार्यवाई करने की मांग की गई.

समारोह को अन्य लोगों के अलावे प्राचार्य अरुण कुमार, ईश्वर राम, सत्य प्रकाश यादव, प्रो धनजंय कुमार आजाद, विद्या सागर विद्यार्थी, अरविंद कुमार यादव, बच्चा प्रसाद यादव, बृज बिहारी यादव, रमेश चन्द्र राय, जहांगीर आलम, अवधेश कुमार, अजय कुमार खरवार, प्रो राकेश कुमार, चन्द्रकान्त आदि ने अपना विचार प्रकट किया. समारोह का संचालन डॉ. दिनेश पाल ने किया.

Patna: बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच सरकार ने बसों के परिचालन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने मंगलवार यानी कि 25 अगस्त सूबे में बसों के परिचालन की अनुमति दे दी है. एसओपी का ख्याल रखते हुए बस से सफर करने की इजाजत दी गई है. बिहार सरकार की ओर से बस मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर, जिला प्रशासन और यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है.

बसों के परिचालन के क्रम में परिवहन सचिव ने निम्नलिखित व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया है –

1. वाहनों में सफर करते समय मास्क अवश्य पहनें अथवा मुंह को ढंककर रखें।

2. बिना मास्क पहने बस में सफर की अनुमति नहीं होगी।

3. वाहनों में चढ़ने से पूर्व सेनिटाइजर का उपयोग करें।

4. वाहनों की रेलिंग का उपयोग कम से कम करें।

5. वाहनों में चढते-उतरते समय भीड़ नहीं करें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें।

6. वाहनों के अंदर पान, खैनी, तम्बाकू, गुटखा आदि का उपयोग वर्जित होगा। पकड़े जाने पर दण्ड के भागी होंगे।

7. बस स्टैण्ड/टैक्सी स्टैण्ड में यत्र-तत्र थूकना वर्जित होगा। पकड़े जाने पर दण्ड के भागी होंगे एवं कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

Patna: बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच सरकार ने बसों के परिचालन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने मंगलवार यानी कि 25 अगस्त सूबे में बसों के परिचालन की अनुमति दे दी है. एसओपी का ख्याल रखते हुए बस से सफर करने की इजाजत दी गई है. बिहार सरकार की ओर से बस मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर, जिला प्रशासन और यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है.

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने निर्देश जारी किया है. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू कराने के लिए सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने निर्देश दिया है.

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार में लागू अनलाॅक- 3 के क्रम में सार्वजनिक परिवहन (ऑटो, टैक्सी, कैब को छोड़कर) पर रोक थी. क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिये गए निर्णय के आलोक में 25 अगस्त से राज्य में बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन का परिचालन कोविड-19 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार किया जायेगा.

PATNA: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले कोरोना को काबू में करने की जुगत में भिड़ी नीतीश सरकार ने एक बार फिर से अपना फैसला पलट दिया है. महज 2 दिनों बाद सरकार ने सब्जी फल और मीट मछली की दुकानों को खोलने के समय में एक बार फिर से बदलाव कर दिया है.

दो दिन पहले राज्य सरकार में सब्जी फल और मीट मछली की दुकान सुबह 6:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक खोलने की अनुमति दी थी. लेकिन अब सरकार ने अपने इस से 2 दिन पुराने आदेश को बदलते हुए इन दुकानों के लिए नई टाइमिंग जारी कर दी है. राज्य सरकार ने अब सब्जी फल और मीट मछली की दुकान खोलने के लिए सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से लेकर 6:30 बजे तक का वक्त तय किया है.

• एचडब्ल्यू-सी मोबाइल ऐप किया गया है लांच

• जूम एप के माध्यम से दिया जाएगा ऑनलाइन प्रशिक्षण

Chhapra: आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। विगत दिनों एक एचडब्ल्यू- सी मोबाइल एप्प विकसित किया गया है। जिसके द्वारा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर पेपरलेस कार्य किए जाएंगे। एचडब्ल्यू सी मोबाइल ऐप के बारे में सभी चिकित्सा कर्मियों जैसे- चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, एएनएम, स्टाफ नर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रखंड मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायकों को इसके विषय में जूम एप के प्लेटफार्म पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसको लेकर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एके शाही ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में कहा गया है कि विगत दिनों एचडब्लू सी मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। जिसको एंड्राइड मोबाइल में डाउनलोड कर सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के कर्मियों पदाधिकारियों द्वारा ही उपयोग किया जाएगा। पत्र में बताया गया है कि प्रमंडलवार प्रशिक्षण की तिथि समय एवं प्रतिभागियों की सूची भेजी गई है। सारण प्रमंडल में 26 अगस्त को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।

पेपरलेस कार्य कर रही है एएनएम

हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम भी अब पेपर लेस कार्य कर रही है। एएनएम को भी तकनीक से लैस किया गया है। एएनएम को एनसीडी(गैर संचारी रोग) एप के बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर परिवार में किसी को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, यक्ष्मा (टीबी) या कैंसर हुआ है, तो उस घर के युवकों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। प्रशिक्षित आशा को एक सी-बैक फॉर्मेट दिया जाता है, जिसे वह भरती है।

रजिस्टर संभालने से मुक्ति

स्वास्थ्य योजनाओं की गाँव में क्या-क्या प्रगति हो रही है इसकी एक रिपोर्ट एएनएम बनाती है। इस पूरी रिपोर्ट को एक रजिस्टर में दर्ज कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगता है । ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अब सारी जानकारी स्क्रीन पर उपलब्ध रहती है। टेबलेट में ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन डाटा दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

हर जानकारी टेबलेट में दर्ज

ब्लड प्रेशर, शुगर तथा कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों की हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर एक फैमिली फोल्डर बनेगी । जन आरोग्य प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों में उसके पोषक क्षेत्र के परिवारों की फैमिली फोल्डर तैयार की जाएगी और रखा जायेगा।

आशा बनाती है फ़ैमिली हेल्थ फोल्डर

समुदाय स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर क्षेत्र के सभी लोगों का सर्वेक्षण किया जाता है। सभी परिवारों के लिए फेमिली हेल्थ फोल्डर विकसित किया जाता है, जिसमें 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी स्त्री-पुरुष का सीबैक (कम्युनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट) फार्म के जरिए गैर संचारी रोगों हेतु रिस्क असेसमेंट किया जाता है।