‘ऐ जजमानी तहार सोनें के केवाड़ी दू गो गोइठा द’
{संतोष कुमार ‘बंटी’} होलिका दहन यानि हम अपनी भाषा में कहे तो ‘समहत’. होली की पूर्व संध्या पर मनाया जाने वाली यह पारंपरिक विधि जिसको लेकर लोगों में ख़ासकर युवाओं में अलग ही उत्साह रहता हैं. लेकिन बदलते दौड़ में यह विधाएं भी बदलती जा रही हैं. होलिका दहन कोREAD MORE CLICK HERE