छपरा: शिक्षक का मूल कर्तव्य होता है ‘शिक्षा का दान’ लेकिन वर्तमान समय में शिक्षण संस्थान शिक्षा का मंदिर बनने की बजाय एक व्यवसायिक केंद्र बनता जा रहा है. जहाँ शिक्षा का दान देने के बदले शिक्षक सिर्फ उपस्थिति पंजी का व्यवसायिक केन्द्र बनाने पर बल दे रहे हैं. बातREAD MORE CLICK HERE