Chhapra: विजयादशमी के अवसर पर प्रत्येक वर्ष होने रावण वध समारोह पर इस वर्ष ग्रहण लग गया है. पिछले 30 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा पर इस बार ब्रेक लगना अब लगभग तय माना जा रहा है.
30 वर्षों से चली आ रही परंपरा पर ब्रेक
रावण वध कार्यक्रम वर्षों से शहर के राजेंद्र स्टेडियम में होता आया है. जबकि इस बार प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर यहाँ आयोजन नहीं करने की बात कही है. जिसके बाद आयोजन समिति इस फैसले को मानने को तैयार नहीं है. आयोजन समिति लगातार स्टेडियम में ही रावण दहन समारोह करने पर अडिग है.
सोमवार को प्रशासन और आयोजन समिति के बीच बैठक हुए और बीच का रास्ता तलाशने के प्रयास हुए. अधिकारी और आयोजन समिति के लोगों ने हवाई अड्डे को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में चुनने के लिए दौरा भी किया. पर शाम होते होते मामला वही का वही बना रह गया. आयोजन समिति ने साफ़ शब्दों में कहा है कि आयोजन राजेंद्र स्टेडियम में होगा अन्यथा नहीं होगा. किसी भी अन्य स्थान पर आयोजन को लेकर समिति तैयार नहीं है.
आयोजन समिति पर निरोधात्मक कार्रवाई से क्षोभ
राजेंद्र स्टेडियम में रावण दहन कराने को अडिग आयोजन समिति के लोगों पर प्रशासन द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए 15 सदस्यों के खिलाफ धारा 107 के तहत नोटिस भेजा गया है. जिससे आयोजन समिति के लोगों में प्रशासन के प्रति क्षोभ व्याप्त है.
क्या कहते है जिलाधिकारी
दूसरी ओर हरिहर प्रसाद ने रावण वध आयोजन समिति के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि रावण वध कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रशासन हर तरह से सहयोग करेगा. जिलाधिकारी ने कहा कि रावण वध स्थल स्टेडियम में रावण वध के समय अत्यधिक भीड़ हो जाने से आम नागरिकों खासकर महिलाओं एवं बच्चों को बाहर निकलने में काफी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है. अगर रावण वध के समय कही आग की चिनगाड़ी फैलने से स्टेडियम में आग लगने की घटना घट सकती है. अगर आग लगने की घटना घट जाय तो फायर बिग्रेड की गाड़ी को स्टेडियम पहुंचने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. अगर किसी तरह की घटना घट जाय तो जान-माल की व्यापक क्षति भी हो सकती है.
जिलाधिकारी ने रावण वध आयोजन समिति के सदस्यों को कहा कि रावण वध स्थल के रूप में रावण वध के लिए एरोड्राॅम परिसर में अनुमति दी जाती है. इस पर गंभीरता पूर्वक रावण वध आयोजन समिति विचार करें.
क्या कहती है समिति
आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि कार्यक्रम राजेंद्र स्टेडियम में होता आया है. 30 वर्षों में अबतक कोई दुर्घटना नहीं हुई. प्रशासन का रवैया असंतोषजनक है. अगर प्रशासन ने रावण दहन के लिए राजेंद्र स्टेडियम में जगह नहीं दी तो समिति इस वर्ष रावण दहन कार्यक्रम ना करने पर विचार कर रही है.
क्या कहते है छपरा के आम नागरिक