जागल रहिह हो, कवन ठगवा नगरिया लूटल हो

जागल रहिह हो, कवन ठगवा नगरिया लूटल हो

Chhapra: भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के तीसरे दिन स्थानीय राजेंद्र स्टेडियम में उदगार संस्था के मधुबनी की पारंपरिक प्रस्तुति डोमकच से शुरुआत हुई. भोजपुरी और मैथिलि लोक संस्कृति की नारी प्रधान प्रस्तुति मनोहारी थी.

इसके बाद सारण के लोक गायक उदय नारायन सिंह ने अपने गायन से समां बांध दिया. उन्होंने अपने गायन की शुरुआत भोजपुरी के प्रथम कवि कबीर के भोजपुरी निर्गुण को आधुनिक परिपेक्ष्य में प्रासंगिकता को स्वरबद्ध जागल रहिह हो, ‘कवन ठगवा नगरिया लूटल हो’ से की. उन्होंने भिखारी ठाकुर की रासलीला और बिदेशिया के गीतों को गाया. उनके गायन के दौरान बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे थे.

कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर रंगमंडल प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र छपरा के द्वारा जैनेन्द्र दोस्त द्वारा निर्देशित पिया निसाईल का मंचन हुआ. जिसे लोगो ने सराहा.

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