Chhapra: शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गया. नव दिनों तक माता की आराधना में सभी जुटे रहेगें. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ पूजा आराधना की शुरुआत होती है. नवरात्र पर गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की गयी.
सुबह से लोग नदी से जल और मिट्टी लाकर कलश की स्थापना अपने अपने घरों में करने में व्यस्त दिखे. पूजा पंडालों में भी कलश स्थापित की जाती है.
नवरात्र के पहले दिन पर्वत राज हिमालय की पुत्री पार्वती के स्वरुप में साक्षात् शैलपुत्री की पूजा होती है. इनके एक हाथ में त्रिशुल और दूसरे में कमल का पुष्प है. शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण नवदुर्गा का सर्वप्रथम स्वरुप शैलपुत्री कहलाता है.
बाज़ारों में रही रौनक
नवरात्र के आगमन को लेकर सभी लोग तैयारियों में जुटे है. शहर के तमाम बाज़ारों में बुधवार देर शाम तक लोग पूजा से जुड़े सामानों की खरीदारी करते देखे गए.