जोश व उमंग से भरपूर रंगों से रंगीन पर्व होली की धूम

जोश व उमंग से भरपूर रंगों से रंगीन पर्व होली की धूम

छपरा {अमन कुमार की रिपोर्ट}: रंगों का त्योहार होली पूरे भारत के साथ-साथ विश्व के अनेक देशों में जोश व उमंग के साथ मनाई जाती है. फाल्गुन माह के पूर्णिमा के एक दिन बाद  मनाए  जाने वाले इस त्योहार को भारत के अनेक राज्यों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. यह हिन्दू धर्म का एक बेहद खास पर्व है.

आपसी मेलभाव को दर्शाता है त्योहार
होलिका जलने के अगले दिन मनाए  जाने वाले होली में सभी एकजुट होकर रंग खेलते हैं. रंगों का खास महत्व होने के कारण सभी एक दुसरे को रंग लगाकर बधाइयाँ देने के साथ खुशियाँ भी बांटते हैं. खुशियों का त्योहार होली आपसी भाईचारे का भी एक अनूठा एहसास दिलाता है. एक दुसरे को गुलाल लगाना परिवार के साथ होली खेलना, खूब मस्ती करना, यह इस त्योहार की खासियत चाहे छोटे हो या बड़े सभी खूब मस्ती करते हैं.

खाने खिलाने की है परम्परा
चूँकि होली खुशियों का त्यौहार भी त्योहार है तो फिर लोग खाने खिलने में भी कहाँ पीछे रहने वाले हैं. लोगों अपने घरों में तरह तरह के पकवान बनाना तथा मेहमानों को खिलाकर उनका स्वागत करने की भी परम्परा है. मेहमानों को कई तरह के पकवान भी खिलाते हैं.

दही बड़ा व पुआ का है खास महत्व
उत्तर भारत में शुरू से ही होली जैसे खास पर्व के सभी के घरों में दही बड़ा व पुआ खासतौर पर बनाये जाते है और इनका लज़ीज़ स्वाद इस त्योहार की ख़ुशी को और भी दोगुना कर देता है.

बढ़ जाती है बाज़ारों की रौनक
होली जैसे खास त्योहार के लिए लोग पहले से तैयारियां करनी शुरू कर देते हैं. इसके लिए कुछ दिन पहले से ही खरीदारी शुरू हो जाती है. खाने-पीने के सामान से लेकर घरों को सजाने वाली वस्तुओं की लोग जमकर खरीददारी करते हैं. इस वजह से बाज़ार भी गुलज़ार रहते हैं.

ट्रेडिशनल कपड़ो का भी है महत्व
होली के दिन सांस्कृतिक लिबास का भी अपना एक अलग महत्व है. लोग खास तौर पर कुर्ता व पैजामा पहनना पसंद करते हैं तो महिलाएं भी ट्रेडिशनल ड्रेस पहनना पसंद करती हैं.

नये कपड़ों की खरीदारी
इस पर्व में सभी नये कपडे पहना पसंद करते है. इस वजह से बाज़ार में कपड़ो की बम्पर बिक्री बढ़ जाती है और सबसे ज्यादा युवा ही नये कपड़ो की खरीदारी करते नज़र आते हैं.

मॉल व मार्ट का बढ़ा क्रेज
बदलते ज़माने के साथ युवाओं की सोंच भी बदल रही है और उनके फैशन में भी बदलाव आ रहा है. युवा अब दूकान की बजाय मॉल व मार्ट से कपड़े खरीदते नज़र आ रहे हैं.

कई रूपों में मनाई जाती होली
देश के विभिन्न राज्यों में होली को कई रूपों में मनाया जाता. अलग अलग पारस्परिक रिवाज के साथ होली को विभिन्न स्थानों पर मनाया जाने की परंपरा है. इनमें प्रमुख रूप से वृन्दावन की होली, यूपी की लठमार होली, होली के और भी ऐसे कई रूप है जो विभिन्न राज्यों में लोकप्रियता के साथ माने जाते है.

बिहार में फगुआ
बात करे बिहार की तो होली को फगुआ भी कहा जाता है. रंग खेलने के साथ लोग यहाँ पारंपरिक लोक गीतों पर नाच गाना भी करते हैं.

क्या हैं पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओ का अनुसार होली का पर्व आस्था से भी जुड़ा हुआ है. जब असुर हिरन्यकश्यप अपने ही पुत्र प्रहलाद को भगवान् विष्णु की आराधना करे के लिए मृत्यु दंड दिया था तब भगवान् ने नरसिंह अवतार में असुर हिरन्यकश्यप का वध कर दिया था. एक और मान्यता के अनुसार जब हिरन्यकश्यप की बहन, होलिका जिसे अग्नि में कभी नही जलने का वरदान प्राप्त था प्रहलाद को ज़लाने के इरादे से प्रहलाद को अपने गोद में बैठा कर खुद आग में बैठ गयी तो बुराई का साथ देने के कारण होलिका खुद उस आग में जल कर भस्म हो गयी और प्रहलाद बच गया. इसी समय से होली का त्यौहार को अच्छाई का बुरे पर जीत के प्रतीक के रूप में मानाया जाता है.

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें