छपरा: शहर की कुछ प्रतिभावान युवतियों ने रेशम की हस्त निर्मित पारंपरिक राखियाँ बनाई है. राखियाँ स्टार्टअप प्रोजेक्ट के तहत बनायीं है. हैण्डमेड राखियों को कम समय में घर में ही तैयार किया गया है.
रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर शहर में राखी की दुकानें सज चुकी हैं. एक तरफ जहां बाज़ारों में विभिन्न प्रकार की राखियाँ बिक रही है. वहीं दूसरी तरफ स्टार्टअप प्रोजेक्ट की तहत नेहा, पिंटू और की मनसा (10) ने अपने हाथों की कलाकारी से रेशम की कई तरह की पारंपरिक राखियाँ बनाई हैं. इन राखियों को बनाने में मुख्य रूप से रिबन, धागे, रेशम और मोतियों का इस्तेमाल किया गया है.
इन राखियों की न सिर्फ बहनें अपने भाई तो बाँध सकती हैं बल्कि भाई भी अपनी बहनों और को बाँध सकते हैं. ये पारंपरिक राखियाँ देखने में खुबसूरत और आकर्षक भी लग रही हैं. इनकी कीमत सस्ती होने के कारण लोग भी इन राखियों को खूब खरीद रहे हैं.
इनकी कीमत 15 रूपए से लेकर 55 रूपए तक रखी गयी है. स्टार्ट अप फ्री बर्ड्स की टीम लीडर नेहा ने छपरा टुडे डॉट कॉम को बताया कि बाज़ारों में ज्यादातर चाईंनीज राखियाँ बेची जा रहीं है. ऐसे में भारतीय पारंपरिक राखियों को बढ़ावा देने के लिए हमने ये राखियाँ खुद अपने हाथों से तैयार की हैं.