Chhapra: लिंक फेल है, यह एक ऐसा शब्द है जो आजकल पोस्ट ऑफिस में आमतौर पर सुनने को मिलता है. ग्राहक रोज पोस्ट ऑफिस जाते है और वहां जाकर पता चलेता है कि लिंक फेल है. यह अब आम बात हो चुका है.
देश की मौजूदा सरकार जब डिजिटल क्रांति की बातें कर रही है और उसे सफल बनाने में जुटी है. ऐसे में उसी का विभाग उसे फेल साबित करने में लगा है. लोग परेशान हो रहे है उन्हें समझ नही आ रहा है करे तो क्या करें.
जिले के मुख्यालय से लेकर कई प्रखण्डों के सब पोस्ट ऑफिसों का एक सा हाल है. कर्मियो का रोज का एक रोना लिंक ख़राब, कंप्यूटर ख़राब अब ग्राहकों को हजम नही हो रहा.
आमतौर पर पोस्ट ऑफिस में छोटे निवेशक अपना पैसा जमा करते है. रोजाना लिंक का रोना रोने से छोटे निवेशक सरकार को और उसकी व्यवस्था को कोस रहे है.
लोगों का कहना है कि डिजिटलीकरण के बाद से पोस्ट ऑफिस में लेनदेन सुगम होने की बजाय कठिन हो गया है. जिसका सबसे बड़ा कारण लिंक का फेल होना है.
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सरकार जनता के हित में अगर कोई कदम जल्द से जल्द नहीं उठाती तो लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है.