छपरा: बहुचर्चित मध्याहन भोजन योजना कांड में 23 बच्चों की मौत के मामले में सोमवार को सजा सुनाई गई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने विद्यालय की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना कुमारी को दो अलग-अलग धाराओं में 17 साल की सजा सुनाई. सजा का ऐलान होते ही मीना देवी फफक कर रोनें लगीं. वही पत्नी की सजा का ऐलान होते ही अर्जुन राय की नम आँखों से भी आंसू छलक गयें.
एमडीएम कांड में 23 बच्चों की मौत को लेकर 24 अगस्त को मीना कुमारी और अर्जुन राय के उपर सुनवाई करते हुए मीना देवी को धारा 304 और 308 के तहत दोषी पाया गया, वहीं पति अर्जुन राय को दोष मुक्त किया गया.
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सजा की विस्तृत जानकारी देते हुए लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह बेजोड़ ने बताया कि माननीय न्यायालय द्वारा 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय धर्मासती गंडामन में जहरीले एमडीएम कांड को लेकर विद्यालय की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना कुमारी को दोषी पाया गया. न्यायालय ने मीना कुमारी को सजा सुनाते हुए IPC की धारा 304 भाग 2 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व ढाई लाख अर्थदंड एवं धारा 308 भाग 2 में 7 वर्ष सश्रम कारावास व सवा लाख अर्थदंड की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में सजा अलग अलग चलेगी पहले 10 वर्ष काटने के बाद दूसरे मामलें की सजा 7 वर्ष शुरू होगी. अगर मीना कुमारी अर्थ दंड को जमा नहीं करती है तो दोनों मामलों में एक एक साल की सजा बढ़ा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि अर्थ दंड का 20 प्रतिशत भाग सरकार तथा शेष पीड़ित परिवार को दिया जायेगा.