Chhapra(कबीर): पढ़ने में कुछ अजीब लग रहा होगा आपको लेकिन यह सच है. शहर के लगभग हर गली-मुहल्ले में सूरज के ढलते ही उस गली से गुजरना खतरे से खाली नही होता. दिनभर लावारिस घूमने वाले कुत्ते रात होते ही गली-मुहल्ले के शेर हो जाते है. अगर कुछ लोग रात में पैदल शहर में निकलने में परहेज करते है तो उसकी वजह है गली के कुत्ते.
शहर के कुछ लोगों से बात करने पर पता चला कि रात में अगर किसी चीज़ जरूरत पड़ जाए तो बगल की किराना दुकान से सामान लेने के लिए तो डंडे लेकर जाते है. कुछ लोगों का ये भी कहना है कि रस्ते में जितना डर चोर-उचक्कों से नही लगता जितना रात में कुत्तों से लगता है. कुछ इलाकों में तो इतने कुत्ते हो गए है जिस कारण घर का मुख्य द्वार खुला रहने पर लावारिस कुत्ते घुस आते है. अक्सर लोगों को लावारिस कुत्ते काटने की घटना बढ़ते जा रही है. विभाग द्वारा इसके लिए कोई सुगबुगाहट नही दिखती.
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23 April 2024
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